देश पर विदेशी ऋण भार दिसंबर, 2014 में समाप्त छह माह की अवधि में 15.5 अरब डॉलर या 3.5 प्रतिशत बढ़कर 461.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। बाह्य वाणिज्यिक उधारी तथा एनआरआई जमा बढ़ने से विदेशी ऋण बढ़ा है।
हालांकि, देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के हिसाब से प्रतिशत में देश का विदेशी ऋण दिसंबर, 2014 में घटकर 23.2 प्रतिशत रह गया, जो मार्च, 2014 के अंत तक 23.7 प्रतिशत था। वित्त मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस अवधि में विदेशी ऋण में बढ़ोतरी की मुख्य वजह दीर्घावधि के ऋण मसलन वाणिज्यिक उधारी व एनआरआई जमा में बढ़ोतरी है। हालांकि, समीक्षाधीन अवधि में लघु अवधि का विदेशी ऋण घटा है।
दिसंबर के अंत तक दीर्घावधि का विदेशी ऋण 6.1 प्रतिशत बढ़कर 376.4 अरब डॉलर रहा। वहीं लघु अवधि का विदेशी ऋण 6.7 प्रतिशत घटकर 85.6 अरब डॉलर पर आ गया।