निजी विमानन कंपनी इंडिगो ने एयर इंडिया को खरीदने में अपनी रुचि दर्शाते हुए नागर विमानन मंत्रालय को एक पत्र लिखा है.
कंपनी ने यह पत्र मंत्रालय की ओर से बिना किसी अनुरोध के खुद भेजा है. नागर विमानन सचिव आरएन चौबे ने इस आशय की पुष्टि की है. एयर इंडिया इस समय 52000 करोड़ रुपये के कर्ज में है.चौबे ने स्पष्ट किया कि ऐसे ऑफर अन्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा भी किए गए हैं.
उधर, सरकार का कहना है कि वह एयर इंडिया का निजीकरण करेगी. कैबिनेट ने बुधवार को एयर इंडिया के विनिवेश को मंजूरी दे दी है. यह निर्णय भी किया गया कि देश की इस सबसे पुरानी एयरलाइन कंपनी में सरकार की बिक्री की जाने वाली हिस्सेदारी और बिक्री के तौर तरीके के निर्धारण के लिए मंत्रियों का एक समूह गठित किया जाएगा. गौरतलब है कि नीति आयोग ने कर्ज में डूबी एयर इंडिया के पूरी तरह से निजीकरण का सुझाव दिया है.
नागर विमानन मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी के लिये विनवेश की रूपरेखा तैयार कर रहा है. एयर लाइन के ऊपर 52,000 करोड़ रुपये का कर्ज है और पूर्व संप्रग सरकार ने 2012 में उसे 30,000 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध कराई थी. मार्केट शेयर के हिसाब से इंडिगो देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी है.
इसी बीच सरकार ने अरविंद काथपालिया को एयर इंडिया का परिचालन निदेशक नियुक्त किया है, मंत्रीमंडल की नियुक्ति समिति ने मार्च में जब काथपालिया के नाम को मंजूरी दी थी, एयर इंडिया के पायलटों ने इसका विरोध किया था. फरवरी में विमानन नियामक ने काथपलिया को तीन महीने के लिये निलंबित कर दिया गया था. उन पर उड़ान पूर्व अनिवार्य चिकित्सा परीक्षण से बचने का आरोप था.
(इनपुट भाषा से भी)