केंद्र सरकार अपने 10,370 करोड़ रुपये के IndiaAI मिशन के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर सर्विस देने के लिए बोलियों को अंतिम रूप देने के करीब है.
इलेक्ट्रॉनिक्स और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय, जो IndiaAI मिशन के लिए नोडल मंत्रालय है, घरेलू ऑर्गनाइजेशन को देख रहा है जो कम से कम 1,000 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPUs) की सप्लाई कर रहे हैं. नाम न छापने की शर्त पर उन्होंने NDTV प्रॉफिट को बताया कि भारत में मैन्युफैक्चरिंग नहीं करने वाली कंपनियों को नहीं देखा जा रहा है और न ही स्टार्टअप जिन्हें यूजर के रूप में देखा जा रहा है न की प्रोवाइडर के रूप में.
मंत्रालय को अब तक इस प्रस्ताव पर कंपनियों से सवाल प्राप्त हुए हैं . सूत्रों ने बताया कि अगले सप्ताह तक कंपनियों को जवाब मिल जाएगा, जिसके बाद आवेदनों के लिए 15 दिन और लगेंगे. MeitY ने अगस्त में RFP को आगे बढ़ाया था.
डेटा सेंटर और क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर के बिजनेस में आने वाली कंपनियों से अब उम्मीद की जाती है कि वे GPUs, एक्सेलेरेटर, टेंसर प्रोसेसिंग यूनिट,स्टार्टअप, रीसर्चर, और अन्य को हाई स्पीड कंप्यूटिंग AI इन्फ्रास्ट्रक्चर देने के लिए अंतिम बोली लगाएं.
GPU AI सिस्टम के निर्माण में एक महत्वपूर्ण और महंगा तत्व है, जिससे छोटी कंपनियों के लिए खरीदारी करना मुश्किल हो जाता है.
AI कंप्यूट इंफ्रास्ट्रक्चर सरकार के IndiaAI मिशन के सात स्तंभों में से एक है, जिसे मार्च में मंजूरी दी गई थी. ये भारत के AI स्टार्टअप की मांगों को पूरा करने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के माध्यम से 10,000 से अधिक GPUs के साथ एक स्केलेबल AI कंप्यूटिंग इकोसिस्टम बनाने पर केंद्रित है.
इस हफ्ते की शुरुआत में, लेनोवो ने भारत में AI सर्वर मैन्युफैक्चरिंग शुरू की. ये सालाना 50,000 AI सर्वर और 2,400 हाई-एंड GPU यूनिट्स का उत्पादन करने की योजना बना रहा है.