उड़ान के दौरान विमानों में वॉयस एवं डेटा सेवाओं को मंजूरी देने से विदेशी विमानन कंपनियों को तत्काल फायदा होगा क्योंकि घरेलू विमानन कंपनियों के पास अभी यह सुविधा उपलब्ध नहीं है. विमानन क्षेत्र की एक परामर्शदाता कंपनी ने यह कहा है. सेंटर फोर एशिया पैसिफिक (सीएपीए) ने कहा कि भारतीय वायुसीमा में विदेशी कंपनियां ये सेवाएं देने में अव्वल रहेंगी क्योंकि घरेलू कंपनियां अभी वाई-फाई से लैस नहीं हैं.
कंपनी ने जारी बयान में सुझाव दिया कि भारतीय कंपनियां आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में इन सेवाओं की पेशकश शुरू कर सकती हैं. दुनियाभर में 30 से अधिक विमानन कंपनियों को उड़ान के दौरान कनेक्टिविटी सेवा मुहैया कराने वाली ‘एसआईटीए ऑनएयर’ ने कहा कि विमानन कंपनियां कनेक्टिविटी को अब जरूरी मान रही हैं और दुनिया भर में 91 प्रतिशत से अधिक कंपनियां इसमें निवेश कर रही हैं.
एसआईटीए-आनएयर ट्राई द्वारा किये गये सार्वजनिक विचार विमर्श का भी हिस्सा रहा है. मूल्य निर्धारण के मुद्दे पर कंपनी ने कहा कि यह कई कारकों पर निर्भर करता है जिसमें यह भी शामिल है कि विमानन कंपनियां इससे कैसे पैसे कमाना चाहती हैं. उसने कहा कि प्रावधान के अमल में आते ही वह भारतीय कंपनियों के साथ काम करने को इच्छुक है.