दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि इंटरनेट सूचना एवं संवाद का सशक्त माध्यम बन गया है, पर इसका उपयोग सशक्तिकरण के लिए किया जाना चाहिए न कि गड़बड़ी फैलाने के लिए।
उन्होंने कहा, यह मानी हुई बात है कि यह माध्यम सशक्तिकरण के लिए है न कि गड़बड़ी फैलाने के लिए। किसी भी प्रौद्योगिकी का उपयोग किसी भी तरीके से किया जा सकता है जैसे परमाणु से बिजली पैदा हो सकती है या फिर हिरोशिमा जैसी घटना हो सकती है।
उन्होंने गूगल के बिग टेंट ऐक्टिवेट सम्मेलन में कहा, इंटरनेट करोड़ों परमाणुओं की ऊर्जा के समान है। इन परमाणुओं का इस्तेमाल मानवजाति की भलाई के लिए किया जाना चाहिए। आत्म नियंत्रण के संबंध में सिब्बल ने कहा कि इंटरनेट पर किसी की निगरानी करना मुश्किल है इसलिए अपने ऊपर खुद अनुशासन रखना होगा।
उन्होंने कहा, यह ऐसा मंच है, जिसके जरिये हमें रोजाना एक-दूसरे संपर्क रखने और कुछ नियमों का पालन भी करने की जरूरत है। बगैर नियम के आप क्रिकेट या बेसबॉल नहीं खेल सकते। सिब्बल ने कहा, अब इन नियमों को खुद अपने ऊपर लागू करना होगा। मेरे हिसाब से इंटरनेट निगरानी विरोधाभासी है। आप नेट पर किसी की निगरानी कैसे कर सकते हैं... नहीं कर सकते। नेट को स्वयं अपने ऊपर नियंत्रण करना चाहिए।
यह पूछने पर कि आत्मनियंत्रण के संबंध में उनका इशारा किसकी ओर है, सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, कोई भी, टेलीविजन से जुड़े लोग हो सकते हैं .. कोई भी जो समाचार प्रेषित करते हैं। इस सम्मेलन का आयोजन इंटरनेट और भारतीय अर्थव्यवस्था, राजनीति, संस्कृति और समाज पर इसके असर पर चर्चा के लिए किया गया है।
इंटरनेट पर सूचना साझा करने के संबंध में आत्मनियंत्रण की जरूरत पर जोर देते हुए सिब्बल ने कहा कि मीडिया को समाचार प्रेषित करने में अपनी भूमिका समझने की जरूरत है कि इससे लोग सशक्त हों न कि गड़बड़ी पैदा हो।
उन्होंने कहा, तेरा तो हक है खबर चलाना, कुछ मेरे भी हक है मत भूल जाना ... ’’ सिब्बल ने कहा कि इंटरनेट समानता लाने का शायद सबसे सशक्त माध्यम है।