ADVERTISEMENT

GST COUNCIL MEETING:  पनीर, मीट, पापड़ औऱ होंगे महंगे....लिस्ट में औऱ क्या क्या शामिल है जानने के लिए पढ़ें

प्री-पैकेज्ड  लेबल वाले कृषि उत्पादों जैसे पनीर, लस्सी, छाछ, पैकेज्ड दही, गेहूं का आटा, अन्य अनाज, शहद, पापड़, खाद्यान्न, मांस और मछली (फ्रोजन को छोड़कर), मुरमुरे और गुड़ 18 जुलाई से महंगे हो जाएंगे. मौजूदा समय में ब्रांडेड और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है, जबकि अनपैक और बिना लेबल वाले सामान कर मुक्त हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी06:57 PM IST, 29 Jun 2022NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

जीएसटी परिषद की बैठक के बाद वित्त मंत्रालय के अनुसार कुछ नए उत्पादों सहित कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर GST  की दरें 18 जुलाई से बढ़ जाएंगी. जीएसटी परिषद ने गैर-ब्रांडेड लेकिन पैक (स्थानीय) डेयरी और कृषि उत्पादों को 5 प्रतिशत टैक्स दर स्लैब के दायरे में लाने के लिए राज्यों के वित्त मंत्रियों और फिटमेंट समिति के एक पैनल की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है. दो दिवसीय जीएसटी परिषद की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि नए दरों और छूट को लागू करने की अंतिम तारीख 18 जुलाई होगी.

प्री-पैकेज्ड  लेबल वाले कृषि उत्पादों जैसे पनीर, लस्सी, छाछ, पैकेज्ड दही, गेहूं का आटा, अन्य अनाज, शहद, पापड़, खाद्यान्न, मांस और मछली (फ्रोजन को छोड़कर), मुरमुरे और गुड़ 18 जुलाई से महंगे हो जाएंगे. मौजूदा समय में ब्रांडेड और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है, जबकि अनपैक और बिना लेबल वाले सामान कर मुक्त हैं.

परिषद ने राज्य के वित्त मंत्रियों की उस सिफारिश को भी स्वीकार कर लिया है जिसके तहत होटल के कमरे (₹ 1,000 प्रति रात से कम टैरिफ के साथ) और अस्पताल के कमरे (प्रति दिन ₹ 5,000 से अधिक के दैनिक टैरिफ के साथ) को 12 प्रतिशत जीएसटी दर स्लैब के दायरे में लाने की वकालत की गई थी. ये नए दर 18 जुलाई से लागू होंगे. इसके अलावा, कुछ बरतन पर जीएसटी मौजूदा 12 फीसदी से बढ़कर 18 फीसदी कर दिया गया है.

जीएसटी पहली बार 1 जुलाई, 2017 को लागू किया गया था. उस समय राज्यों को जून 2022 तक राजस्व नुकसान के मुआवजे का आश्वासन दिया गया था. यह राजस्व नुकसान GST के रोलआउट के कारण उत्पन्न हुआ था. लेकिन राज्यों को मुआवजे पर जीएसटी परिषद की बैठक में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया. अब 30 जून को यह समयसीमा खत्म हो रही है.

NDTV Profit हिंदी
लेखकNDTV Profit Desk
NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT