बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स कारोबार के दौरान 140 अंक चढ़ने के बाद कोयला ब्लॉकों पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट आने के बाद ‘घबरा’ गया और अंत में यह मात्र 34 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ।
इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि निजी कंपनियों को सीधे नामांकन के आधार पर कोयला खानें आवंटित किए जाने से सरकार को 1.86 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसमें जिंदल स्टील, टाटा पावर, हिंडाल्को और आर पावर जैसी कंपनियों के नाम का उल्लेख है।
सेंसेक्स एक समय 17,801.39 अंक सुधरने के बाद 17,622.62 अंक तक गिर गया था। हालांकि टाटा मोटर्स, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी शेयरों में लिवाली से अंत में सेंसेक्स कुछ सुधार के साथ 33.87 की बढ़त के साथ 17,691.08 अंक पर बंद हुआ।
नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी 3.35 अंक की बढ़त के साथ 5,366.30 अंक पर बंद हुआ।
एक अन्य रिपोर्ट में कैग ने कहा है कि सरकार द्वारा सासन बिजली संयंत्र को आवंटित ब्लॉक के अतिरिक्त कोयले का इस्तेमाल कंपनी को अन्य परियोजनाओं में करने की अनुमति दिए जाने से रिलायंस पावर को 29,033 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ हुआ। इससे रिलायंस पावर का शेयर 5.6 प्रतिशत लुढ़़क गया।
टाटा पावर में 3.71 प्रतिशत, जिंदल स्टील में 4.02 प्रतिशत तथा हिंडाल्को में 2.5 प्रतिशत की गिरावट आई।
दिल्ली हवाई अड्डे का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों पर विकास शुल्क लगाने को कैग ने गलत ठहराया है। कैग ने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जीएमआर की अगुवाई वाली डायल को फायदा पहुंचाने के लिए बोली शर्तों का उल्लंघन किया। इससे डायल को 3,415 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचा। इससे जीएमआर का शेयर 3 प्रतिशत नीचे आ गया।