रिजर्व बैंक की प्रमुख नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत वृद्धि के चौंकाने वाले कदम से इस सप्ताह शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का रुख जारी रह सकता है। सितंबर के वायदा सौदों की समाप्ति का समय नजदीक होने से भी बाजार में घट-बढ़ रह सकती है। ऐसा बाजार विशेषज्ञों का मानना है।
शुक्रवार को रिजर्व बैंक की अप्रत्याशित पहल ने बाजार के तेजड़िया रुख को पलट दिया है। रेपो दर में वृद्धि ने कारोबारियों को चौंका दिया, क्योंकि ज्यादातर कारोबारियों को ब्याज दरों के अपरिवर्तित रहने की उम्मीद थी। रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 7.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया। केंद्रीय बैंक के अनुसार मुद्रास्फीति को वहनीय स्तर तक लाने के लिए काम किया जाना जरूरी है।
रिजर्व बैंक की इस पहल के कारण आवास और वाहन ऋण महंगा हो सकता है। बैंकिंग तंत्र में नकदी बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक ने फौरी कर्ज की सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) के तहत ब्याज दर को 10.25 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया। इसके साथ ही नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) के तहत रखी जाने वाली नकदी का दैनिक औसत 99 से घटाकर 95 प्रतिशत कर दिया।
रेलिगेयर सिक्योरिटीज लिमिटेड के खुदरा वितरण विभाग अध्यक्ष जयंत मांगलिक ने कहा, इस सप्ताह सितंबर माह के वायदा एवं विकल्प खंड की समयसीमा समाप्त होगी, जिसके कारण बाजार में उतार-चढ़ाव अधिक रहने की संभावना है। इस बीच निफ्टी के 5,800 से 6,150 के व्यापक दायरे में सुगठित होने की संभावना है, जो बाजार की अगली दिशा का आधार तैयार करेगा।