देश का मीडिया एंड एंटरटेनमेंट सेक्टर 2023-24 में 12-14 प्रतिशत की वृद्धि हासिल कर सकता है और इस सेक्टर का रेवेन्यू 1.6 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (CRISIL) ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारतीय मीडिया एंड एंटरटेनमेंट (Media & Entertainment) सेक्टर के जरिये जो रेवेन्यू वृद्धि होगी उसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और उसके बाद टीवी और प्रिंट मीडिया की होगी.
क्रिसिल ने अपनी इस रिपोर्ट में कहा, ‘‘इस सेक्टर के कुल रेवेन्यू में 55 फीसदी हिस्सेदारी एडवरटाइजमेंट से मिलने वाले रेवेन्यू की होती है. आर्थिक गतिविधियों के साथ मजबूत संबंध के चलते इसमें 14 प्रतिशत की वृद्धि होगी. इसके अलावा 2024 के मध्य में आम चुनाव भी होने वाले हैं, जिससे अगले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में एडवरटाइजमेंट पर खर्च भी बढ़ेगा.'' रिपोर्ट के मुताबिक, इस सेक्टर में बाकी रेवेन्यू का 45 प्रतिशत कस्टमर को प्रोडक्ट बेचने से आएगा और इसमें 12 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है.
क्रिसिल में रेटिंग निदेशक नवीन वैद्यनाथन ने कहा, ‘‘टीवी अपनी वाइड रेंज के दम पर एडवरटाइजमेंट से मिलने वाले रेवेन्यू में बड़ी हिस्सेदारी रखेगा लेकिन वृद्धि के मामले में डिजिटल सेक्टर आगे होगा, जो सालाना 15 से 18 फीसदी की दर से बढ़ेगा''. उन्होंने कहा कि बीते कुछ वर्षों में डिजिटल एक पसंदीदा माध्यम के रूप में उभरा है, जिसकी वजह से ओटीटी प्लेटफॉर्म, ऑनलाइन गेमिंग, ई-कॉमर्स, ई-लर्निंग और ऑनलाइन समाचार मंचो न्यूज प्लेटफॉर्म की मांग बढ़ी है.
नवीन वैद्यनाथन ने कहा, ‘‘महामारी के बाद से विज्ञापन पर खर्च के मामले में टीवी के बाद डिजिटल दूसरी सबसे बड़ी श्रेणी है. मीडिया एंड एंटरटेनमेंट सेक्टर (Media & Entertainment Sector) के एडवरटाइजमेंट रेवेन्यू (Advertisement Revenue) में इन दोनों की हिस्सेदारी कुल मिलाकर तीन-चौथाई है.इस सेक्टर के रेवेन्यू में पांचवा हिस्सा प्रिंट का है. हालांकि, अगले वित्त वर्ष में प्रिंट मीडिया भी 15 प्रतिशत की तगड़ा रेवेन्यू हासिल करेगा.
अगले वित्त वर्ष में रेडियो और आउटडोर जैसे स्थानीय मीडिया माध्यम महामारी-पूर्व के स्तर पर पहुंच सकते हैं, क्योंकि यात्राएं बढ़ रही हैं और इन श्रेणियों को गति देने वाले छोटे उद्योगों का एडवरटाइजमेंट बजट बढ़ा है. क्रिसिल ने फिल्म स्क्रीनिंग के बारे में कहा कि थियेटर कलेक्शन जैसे गैर-विज्ञापन राजस्व 2023-24 में 30 प्रतिशत की शानदार वृद्धि के साथ महामारी-पूर्व के स्तर को पार कर सकता है.