MTNL Crisis: महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) की हालत खस्ता चल रही है. कंपनी पर कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा है. इसी बीच कम्युनिकेशन स्टेट मिनिस्टर डॉ. CS पेम्मासानी ने कहा है कि, सरकार टेलीकॉम कंपनी MTLN को फिर से मजबूत करने के प्रयास कर रही है.
पेम्मासानी ने NDTV प्रॉफिट से कहा, 'हम MTLN को लेकर हार नहीं मान रहे हैं. सचिवों की एक समिति समस्या की जड़ की पहचान कर इसके समाधान में लग चुकी है.
मंत्रियों की ये टिप्पणी अगले हफ्ते होने वाली कैबिनेट सचिव की बैठक से पहले आई है, जिसमें सरकार दूरसंचार कंपनी के वित्तीय संकट को दूर करने के ऑप्शन फिर से विचार करेगी. ऐसे समय में जब वित्त मंत्रालय ने वित्तीय बाधाओं का हवाला देते हुए फ्रेश कैपिटल इन्वेस्टमेंट की मांग को ठुकरा दिया है. MTNL पर सरकारी बैंकों का 8,300 करोड़ रुपये का बकाया मौजूद है, अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि सरकार कैसे इस कर्ज को मैनेज करती है.
मंत्री पेम्मासानी ने ये भी कहा कि, 'फाइनेंशियल प्रेशर को कम करने के लिए नॉन बिजनेस एसेट्स को बेचने पर फोकस किया जा रहा है. सरकार ने इसके लिए समयसीमा को दो साल से घटाकर सिर्फ 6 से 8 महीने कर दिया है. साथ ही जो एसेट्स 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के हैं उनके लिए नेशनल लैंड मॉनिटाइजेशन कॉर्पोरेशन की मदद ली जा रही है. मंत्री सिंधिया और मैं एसेट्स मोनेटाइजेशन के प्रोसेस को बारीकी से निगरानी कर रहे हैं.'
MTNL पर अभी के समय 33,500 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है, जिसमें बैंक लोन, सॉवरेन गारंटीड बॉन्ड और टेलीकॉम डिपार्टमेंट से उधारी शामिल है. इसमें से लगभग 8,300 करोड़ रुपये पब्लिक सेक्टर बैंक को चुकाने हैं, जिसमें से ज्यादातर बैंकों ने डिफॉल्ट की कैटेगरी में डाल दिया है. इनमें इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक जैसे लिस्टेड बैंक शामिल हैं.
MTNL पर गहराते संकट का शेयरधारकों के साथ कर्मचारियों पर बहुत बड़ा असर पड़ा है. रिटेल इन्वेस्टर्स ने मार्केट में अनिश्चितता के बीच इक्विटी वैल्यू में कमी देखी है, कर्मचारी बकाया राशि के लिए लंबा इंतजार कर रहे हैं. MTNL के पास मौजूद कैश फ्लो से मुश्किल ही लायबिलिटी को पूरा किया जा सकेगा. साथ ही कंपनी के शेयर की हालत ठीक नहीं है.
MTNL की खस्ता हालत के बीच सरकार की दूसरी टेलीकॉम PSU BSNL मजबूत स्थिति में है. मंत्री ने कहा कि 'पिछले साल ही 90,000 से ज्यादा टावर बनाए गए हैं और अगस्त तक एक लाख टावर पार करने का टारगेट है. 5G रोलआउट पर करने से पहले स्वदेशी 4G तकनीक को पूरे देशभर में फैलाने पर फोकस है.
पेम्मासानी ने कहा, 'एक बार जब हम एक लाख टावरों का आंकड़ा पार कर लेंगे, तो आम आदमी को नया BSNL दिखने को मिलेगा.' सरकार को उम्मीद है कि BSNL अब हर साल 10-15% की ग्रोथ करेगी.
कम्युनिकेशन स्टेट मिनिस्टर ने संकेत दिया कि BSNL और MTNL के बीच तालमेल बनाया जाएगा, साथ ही बाजार को स्टेबल बनाए रखना और शेयरहोल्डर्स का ध्यान रखा जाएगा. रोडमैप कठिन है इसके लिए सरकार के पास सभी ऑप्शन मौजूद है.