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6G Network: 5G के बाद 6G के लिए हो जाएं तैयार... जानें कैसे बदलने वाली है आपकी जिंदगी

6G Network & Technology Launch Update: हाल में सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई थी कि साल 2023 तक देश में 6G नेटवर्क लॉन्च किया जा सकता है.
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NDTV Profit हिंदी04:07 PM IST, 21 Apr 2023NDTV Profit हिंदी
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6G Network In India:  साल 2000 के आसपास थर्ड जेनरेशन यानी 3G मोबाइल टेक्नोलॉजी की शुरुआत हुई थी. 2010 आते-आते ये हमारी जिंदगी में रचने बसने लगा था. इसकी स्पीड 2 mbps तक की थी. उसी समय 4G पर भी काम शुरू हो गया था. 2018 के बाद हमारी जिंदगी में 4G की एंट्री होने लगी. ये 3G के मुकाबले करीब 100 गुना तेज नेटवर्क है. जिसके बाद देखते ही देखते 5G का जमाना भी आ चुका है और ये 4G से 100 गुना तेज है. इससे होने वाले बदलावों को अभी हम ठीक से समझ भी नहीं पाइए कि अब 6G की बात होने लगी है. हाल में सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई थी कि साल 2023 तक देश में 6G नेटवर्क लॉन्च किया जा सकता है. हमारी जिंदगी में 6G की एंट्री 2030 तक होने का अनुमान है.

दरअसल, 5G के दौर में हमारा वास्ता आर्टिफिशियल इंजेलिजेंस यानी AI से भी पड़ने लगा है. आपने AI चैटबॉट ChatGPT का नाम तो सुना होगा. इन दिनों यह सुर्खियों में बना हुआ है. ChatGPT  पलक झपकते ही कठिन से कठिन सवालों का सटीक जवाब दे रहा है. इस तरह देखा जा रहा है कि ChatGPT कैसे Google के लिए भी खतरा बनता जा रहा है. 5G के दौर में ही हमारा सामना मेटावर्स से भी होने वाला है. आसान शब्द में कहें तो वो एक काल्पनिक दुनिया है जिसकी घटनाएं हमें रियल लगने लगेंगी - हमारे इमोशंस को प्रभावित करने लगेंगी. 5G के दौर में सारी दुनिया मोबाइल फोन के भीतर सिमटने लगी है. हर जरूरत के लिए एक ऐप... हर इमोशन के लिए एक सॉल्यूशन...बैंकिंग हो या पढ़ाई, मनोरंजन हो या हेल्थ चेकअप, सब मोबाइल फोन के जरिए उपलब्ध होने लगा है.

फिलहाल तो हमें 5G की इन अपार संभावनाओं की सिर्फ एक झलक मिली है. लेकिन 7-8 साल बाद पता चलेगा कि अब एक ऐसा नेटवर्क आया है जो 5G से भी 100 गुना तेज है. नोकिया (Nokia) और सैमसंग (Samsung) की रिपोर्ट को मानें, तो 6G नेटवर्क आने के बाद कई बदलाव संभव हो सकते हैं. यहां आपको ऐसे बदलाव के बारे में हम बताने जा रहे हैं.

1.  इसके जरिए स्मार्ट सिटीज की स्मार्ट मॉनिटरिंग संभव हो पाएगी. CCTV आने के बाद निगरानी रखना थोड़ा आसान हुआ है. लेकिन ये दुर्घटनाओं को रोकने में अब भी कामयाब नहीं हो पाया है. 6G के आने के बाद रियल टाइम मॉनिटरिंग संभव हो सकेगी और शायद रियल टाइम अलर्ट भी भेजे जा सकेंगे.

2. इसके अलावा  6G के आने के बाद टाइपिंग की झंझट से भी शायद मुक्ति मिले. सभी भावनाओं को जाहिर करने के लिए शायद वॉयस कमांड से ही काम चल जाए. या फिर क्या पता, आपका फोन आपके मन में चल रही भावनाओं को पढ़कर उन्हें भी स्क्रीन पर उतारने में माहिर हो जाए..जरा सोचिए, अगर ऐसा हुआ तो कम्युनिकेशन के तौर तरीकों और स्पीड में कितना बदलाव हो जाएगा.

3. अब तक खेती बाड़ी के काम में टेक्नोलॉजी का ज्यादा इस्तेमाल नहीं होता है. लेकिन हो सकता है आने वाले दिनों में बुआई-कटाई जैसे काम रोबोट करने लगें. अनाज की साफ-सफाई और रखरखाव रोबोट की निगरानी में होने लगे. कब कितना पानी देना है, कितनी खाद डालनी है, कब बुआई करनी है, कब कटाई करनी है - हो सकता है यह सारी प्रक्रिया ऑटोमैटिक तरीकों से होने लगे. फिलहाल हमें ये बातें किसी साइंस फिक्शन जैसी लग सकती हैं, लेकिन 6G के आने के बाद ऐसा संभव हो सकता है. ये भी हो सकता है कि तब तक डिवाइस की कीमतें काफी घट जाएं और एफिशिएंसी कई गुना बढ़ जाए. ये तमाम परिवर्तन हुए तो दुनिया की पूरी डायनामिक्स यानी तौर-तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव हो सकते हैं.

4. यह भी हो सकता है कि 6G के आने के बाद हेल्थकेयर सेक्टर का रूप भी काफी बदल जाए. डायग्नोस्टिक टेस्ट की जगह वियरेबल डिवाइस का इस्तेमाल होने लगे. बीपी, ब्लड शुगर, ऑक्सीजन लेवल जैसी जानकारी तो अब भी ऐसे डिवाइस देने लगे हैं. वे यह भी बताते हैं कि हम कितने कदम चले हैं या कितनी कैलोरी खर्च की है. नए जेनरेशन की टेक्नोलॉजी आने के बाद हो सकता है कि भारी-भरकम टेस्ट भी वियरेबल्स के जरिए होने लगें और वो भी कोई चीड़-फाड़ किए बगैर. तब शायद ऑपरेशन भी अलग तरीके से होने लगेंगे.

अब आप कल्पना की उड़ान भरिए और सोचिए कि जिंदगी को आसान बनाने वाले और कौन-कौन से काम हैं, जिन्हें आप अभी के मुकाबले 100 गुना तेज नेटवर्क की मदद से कर सकते हैं. बहुत संभव है कि हम-आप जिन बातों को अभी खयाली पुलाव समझ रहे हैं, वे अगले कुछ बरसों में वाकई हमारी जिंदगी को जायकेदार बनाने वाली हकीकत का हिस्सा बन जाएं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह BQ PRIME से प्रकाशित की गई है.)
 

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