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भारत-US ट्रेड डील में जीरो-टैरिफ स्ट्रैटेजी की संभावना कम, हो सकती है पैकेज डील

भारत और अमेरिका मार्च 2025 से इस समझौते पर बातचीत कर रहे हैं. दोनों देश सितंबर-अक्टूबर 2025 तक पहले चरण को पूरा करना चाहते हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी01:35 PM IST, 14 Apr 2025NDTV Profit हिंदी
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भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित ट्रेड डील में जीरो-फॉर-जीरो टैरिफ स्ट्रैटेजी लागू होने की संभावना कम है. सरकारी सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों के आर्थिक विकास के स्तर अलग अलग होने के कारण ये रणनीति व्यवहारिक नहीं है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "जीरो-फॉर-जीरो टैरिफ रणनीति अमेरिका और यूरोपीय यूनियन जैसे विकसित देशों के बीच संभव है, लेकिन भारत-अमेरिका समझौता एक पैकेज डील होगा. इसमें सामान, गैर-टैरिफ बैरियर्स और अन्य मुद्दे शामिल होंगे. ये नहीं हो सकता कि अमेरिका इलेक्ट्रॉनिक्स में टैरिफ हटाए और हम भी वही करें. व्यापार समझौते इतने सरल नहीं होते."

भारत और अमेरिका मार्च 2025 से इस समझौते पर बातचीत कर रहे हैं. दोनों देश सितंबर-अक्टूबर 2025 तक पहले चरण को पूरा करना चाहते हैं. लक्ष्य है कि 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाया जाए.

अधिकारी ने बताया, "व्यापार समझौते की बातचीत में भारत, बाकी देशों से आगे है. जल्द ही सेक्टर स्पेशिफिक चर्चा शुरू होगी." ये फैसला मार्च 2025 में चार दिन की बातचीत के बाद लिया गया.

पहले दिल्ली के थिंक टैंक GTRI ने सुझाव दिया था कि भारत,अमेरिका को जीरो-फॉर-जीरो टैरिफ स्ट्रैटेजी का प्रस्ताव दे, जिसमें भारत कुछ उत्पादों पर टैरिफ हटाए और बदले में अमेरिका भी उतने ही उत्पादों पर टैरिफ हटाए. हालांकि ये विचार अब कम प्रासंगिक लग रहा है.

क्या चाहते हैं दोनों देश?

अमेरिका कुछ औद्योगिक सामान, इलेक्ट्रिक वाहन, शराब, डेयरी, सेब, नट्स और बाकी कृषि प्रोडक्ट्स पर टैरिफ में छूट चाहता है. वहीं भारत कपड़ा, परिधान, रत्न-ज्वैलरी, चमड़ा, प्लास्टिक, केमिकल, तिलहन, झींगा और बागवानी जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों (Labour Intensive Sectors) में टैरिफ में कटौती की मांग कर सकता है.

व्यापार का मौजूदा परिदृश्य

2021-22 से 2023-24 तक अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा. भारत के कुल सामान एक्सपोर्ट का 18% और इंपोर्ट का 6.22% अमेरिका के साथ है. 2023-24 में भारत का अमेरिका के साथ ट्रेड सरप्लस 35.32 अरब डॉलर रहा.

2024 में भारत ने अमेरिका को दवाएं (8.1 अरब डॉलर), टेलीकॉम इंस्ट्रूमेंट्स (6.5 अरब डॉलर), कीमती पत्थर (5.3 अरब डॉलर) और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स (4.1 अरब डॉलर) जैसे उत्पाद निर्यात किए. वहीं कच्चा तेल (4.5 अरब डॉलर), कोयला (3.4 अरब डॉलर) और हीरे (2.6 अरब डॉलर) का इंपोर्ट किया गया.

आगे की राह

अगले कुछ हफ्तों में दोनों देश सेक्टर स्पेशिफिक बातचीत शुरू करेंगे. ये समझौता न केवल व्यापार को बढ़ावा देगा, बल्कि दोनों देशों के बीच आर्थिक रिश्तों को भी मजबूत करेगा.

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