अदाणी ग्रीन एनर्जी (AGEL) और अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस (AESL) मंगलवार को यूटिलिटी ऑफ नेट जीरो अलायंस (UNEZA) में शामिल हो गए हैं. इससे देश को रिन्यूएबल एनर्जी को अपनाने नेट जीरो के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी.
अदाणी ग्रुप ने भारत के डीकार्बोनाइजेशन टार्गेट की मदद करने के लिए करने के लिए ये कदम उठाया है.
UNEZA को COP28 में UAE डिक्लेरेशन के तहत स्थापित किया गया था. इस पार्टनरशिप में ग्लोबल यूटिलटी और पावर कंपनियों को एक प्लेटफार्म के नीचे लाया गया. इसका उद्देश्य रिन्यूएबल एनर्जी के ग्रिड का विकास करना, क्लीन एनर्जी सॉल्यूशंस को प्रोत्साहित करना और इलेक्ट्रिसिटी के प्रयासों को बढ़ाना है.
रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में AGEL और ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन में AESL अपने सेगमेंट में इस ग्लोबल अलायंस से जुड़ने वाली पहली कंपनियां हैं.
AGEL का फोकस स्वच्छ ऊर्जा, ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने और ऊर्जा को किफायती बनाने पर और AESL की ओर से ग्रीन एनर्जी के ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन पर फोकस किया जा रहा है, जिससे एक भरोसेमंद ग्रिड बनाई जा सके.
AGEL के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सागर अदाणी ने कहा कि यूटिलिटी फॉर नेट जीरो अलायंस के साथ जुड़कर हमें लक्ष्यों को आगे बढ़ाने, इनोवेशन को बढ़ाने और स्वच्छ ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ाने के लिए वैश्विक समकक्षों के साथ साझेदारी का अवसर मिला है.
एक्सचेंज फाइलिंग में दी गई जानकारी के मुताबिक, AGEL और AESL का लक्ष्य 2050 तक 'नेट जीरो' को हासिल करना है. अदाणी ग्रीन एनर्जी का उद्देश्य अपने रिन्यूएबल एनर्जी के पोर्टफोलियो की ऑपरेशनल कपैसिटी को 11.2 GW से बढ़ाकर 2030 तक 50 GW करना है.
कंपनी गुजरात के खावड़ा में दुनिया का सबसे बड़ा 30 GW की क्षमता वाला रिन्यूएबल एनर्जी प्लांट डेवलप कर रही है.