अदाणी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises Ltd.) की योजना FY26 तक 10GW की इंटीग्रेटेड सोलर मैन्युफैक्चरिंग कैपिसिटी हासिल करने की है. एक एनालिस्ट कॉल में अदाणी एंटरप्राइजेज के डिप्टी चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर सौरभ शाह ने ये बताया.
मौजूदा वक्त में कंपनी की मॉड्यूल और सेल मैन्युफैक्चरिंग क्षमता 4GW है. इस कॉल में सौरभ शाह ने बताया 'हमने 2GW वेफर और इनगॉट मैन्युफैक्चरिंग को चालू किया है, जो अभी स्थिर हो रहा है. इसे FY26 तक 10GW क्षमता तक पहुंचने के लिए बाकी प्रोडक्ट्स की इंटीग्रेटेड क्षमता के साथ एक साथ करने के लिए बढ़ाया जाएगा.
इंटीग्रेटेड सोरल मैन्युफैक्चरिंग में पॉलीसिलिकॉन, वेफर्स, इनगॉट्स, सेल और मॉड्यूल की मैन्युफैक्चरिंग शामिल है. वर्तमान में, भारत ने सेल और मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग क्षमता विकसित कर ली है, लेकिन पॉलीसिलिकॉन, वेफर्स और इनगॉट्स में अब भी पीछे है.
शाह ने कहा कि 'लैंड डेवलपमेंट और आवंटन किया जा रहा है और एक बार ये हो जाने के बाद, रीन्युएबल क्षमताओं को बढ़ाने के लिए निर्माण गतिविधि शुरू हो जाएगी.' शाह ने कहा कि कंपनी के पास सोलर और विंड कैपिसिटी के लिए पर्याप्त ऑर्डर बुक है जो इसे FY25 और FY26 के कुछ हिस्से के लिए होगी.'
Q1 FY25 में, अदाणी एंटरप्राइजेज ने सोलर मॉड्यूल के करीब 1,379 MW बेचे हैं, जिनमें से 379 MW मार्च तिमाही में बेचे गए, लेकिन ये जून तिमाही में प्रभावी हुआ. इसको अगर एडजस्ट करते हुए देखें तो कंपनी ने पहली तिमाही में 1,000 MW के मॉड्यूल बेचे हैं.
एक्सपोर्ट में भी भारी बढ़ोतरी हुई जिससे कंपनी का कुल मार्जिन बढ़ गया है. इसने Q1 FY25 में 808 MW का एक्सपोर्ट किया, जो कि बेचे गए कुल सोलर मॉड्यूल का 80% था, जबकि एक साल पहले यह 387 MW था. शाह ने कहा,'चूंकि हमारे पास पूरे साल के लिए ऑर्डर हैं, इसलिए मार्जिन इस अनुपात में बढ़ने की संभावना है.'
इलेक्ट्रोलाइजर बिजनेस के लिए, कंपनी को 198 MW इलेक्ट्रोलाइज़र के लिए ऑर्डर मिला है. जिसके लिए टेक्नोलॉजी स्टैक का लैब में परीक्षण किया जा रहा है. उन्होंने कहा, कंपनी ने पहले ही इस उद्देश्य के लिए एक टेस्टिंग लैब शुरू कर दी है और इसे कई टेस्टिंग के जरिए बेंचमार्क किया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'हमने पायलट मैन्युफैक्चरिंग प्रोजेक्य भी शुरू किया है जहां लेआउट और इंजीनियरिंग का काम पूरा हो चुका है.'
उन्होंने कहा कि कंपनी इस साल जल्द ही 12,500 करोड़ रुपये का QIP लाने की भी योजना बना रही है, क्योंकि वो अपने ग्रीन हाइड्रोजन बिजनेस को तेजी से आगे बढ़ाना चाहती है.
शाह ने बताया कि कंपनी नवी मुंबई एयरपोर्ट पर टर्मिनल के निर्माण की प्रक्रिया में है, जहां रनवे पहले ही बन चुका है.'टर्मिनल तैयार होने के बाद हम एयरपोर्ट को तमाम तरह के जोखिम और आपदा प्रबंधन परीक्षणों के लिए सौंप देंगे. हमें मार्च 2025 तक एयरपोर्ट को चालू करने की उम्मीद है.