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अदाणी ग्रुप ने चेताया, FT फिर से पुराने मामलों को रीसाइकिल कर छवि बिगाड़ने की कर रहा है कोशिश

कोल इंपोर्ट में ओवर-इन्वॉयसिंग पर FT की प्रस्तावित स्टोरी में कुछ नया नहीं है. सुप्रीम कोर्ट भी इन आरोपों को पहले ही कर चुका है खारिज.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी10:07 PM IST, 09 Oct 2023NDTV Profit हिंदी
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अदाणी ग्रुप (Adani Group) ने लंदन के फाइनेंशियल टाइम्स (Financial Times) के आरोपों का एक बार फिर से खंडन किया है.

ग्रुप ने कहा कि फाइनेंशियल टाइम्स अपनी प्रस्तावित स्टोरी में कंपनी के खिलाफ पुराने और आधारहीन मामलों को रीसाइकिल कर ग्लोबल छवि और आर्थिक नुकसान पहुंचाने की फिर से तैयारी कर रहा है. FT दुर्भावनापूर्ण तरीके से ग्रुप के खिलाफ लगातार कैंपेन चला रहा है.

ये अखबार जानबूझकर कोयला इंपोर्ट पर पुराने और आधारहीन आरोपों को रीसाइकिल कर रहा है. 'ग्रुप ने कहा कि 'फाइनेंशियल टाइम्स पत्रकारिता और पब्लिक इंट्रेस्ट का आड़ में निहित स्वार्थों को पूरा कर रहा है.'

OCCRP के हाथों खेल रहा फाइनेंशियल टाइम्स

अदाणी ग्रुप ने BSE को दिए स्टेटमेंट में कहा कि 'फाइनेंशियल टाइम्स अपने पत्रकार डैन मैक्कर्म (Dan McCrum) के जरिए ग्रुप पर लगातार हमला किए जा रहा है. फाइनेंशियल टाइम्स ने इसके लिए OCCRP यानी ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (Organized Crime and Corruption Reporting Project) के साथ हाथ मिलाया है. OCCRP जॉर्ज सोरोस की संस्था है, जिसने अदाणी ग्रुप के प्रति अपने विद्वेष और दुर्भावना का खुलकर ऐलान कर रखा है'. इन्होंने साथ मिलकर 31 अगस्त, 2023 को भी ग्रुप के खिलाफ निराधार स्टोरी पब्लिश की थी.

फाइनेंशियल टाइम्स ने खुद को किया बेनकाब

पिछले सभी प्रयासों में नाकामी के बाद फाइनेंशियल टाइम्स, अदाणी ग्रुप को आर्थिक और वित्तीय रूप से नुकसान पहुंचाने के लिए एक बार फिर कोयला इंपोर्ट में ओवर-इन्वॉयसिंग (Over Invoicing) के पुराने और आधारहीन आरोपों को रीसाइकिल कर रहा है. फाइनेंशियल टाइम्स की प्रस्तावित स्टोरी DRI (डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) के 30 मार्च 2016 के सर्कुलर पर आधारित है. अदाणी ग्रुप पर हमला करके फाइनेंशियल टाइम्स ने खुद को बेनकाब कर दिया है.

40 कंपनियों पर लगा ओवर इन्वॉयसिंग का आरोप, लेकिन...

अदाणी ग्रुप की फाइलिंग से कई और दिलचस्प बातों का पता चलता है. अदाणी ग्रुप ने इसमें कहा कि 'DRI के जिस सर्कुलर पर ये स्टोरी आधारित है, उसमें अदाणी समेत 40 दूसरे इंपोर्टर्स के भी नाम हैं, मगर FT का तो जैसे सिर्फ अदाणी से बैर है. इस सर्कुलर में दूसरी निजी पावर कंपनियों के भी नाम हैं, मसलन रिलायंस इंफ्रा, JSW स्टील और एस्सार ग्रुप. यही नहीं इसमें कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, तमिलनाडु जैसे कई राज्य सरकारों की बिजली बनाने वाली कंपनियों के भी नाम हैं. इसके अलावा DRI के उस सर्कुलर में केंद्र सरकार की NTPC और MSTC पर भी ओवर इन्वॉयसिंग के आरोप लगे हैं.'

सुप्रीम कोर्ट से भी क्लीन चिट मिली

अदाणी ग्रुप ने बताया कि कोयला इंपोर्ट पर ओवर-इन्वॉयसिंग को लेकर DRI के कारण बताओ नोटिस को एपिलेट ट्रिब्यूनल (CESTAT) ने खारिज कर दिया था. यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी 24 जनवरी, 2023 को DRI की अपील को खारिज किया था. ज्यादा कीमत पर कोयले के इंपोर्ट का विवाद कोर्ट ने खत्म कर दिया था.

अदाणी ग्रुप ने कहा - 'हम इन सभी आरोपों का खंडन करते हैं, ये गलत और आधारहीन हैं. हम ग्रुप को आर्थिक रूप से अस्थिर करने के लिए जानबूझकर, दुर्भावनापूर्ण प्रयासों की भी निंदा करते हैं. अदाणी ग्रुप सभी कानूनों, रेगुलेशंस और डिस्क्लोजर नियमों का पालन करता है.

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