अदाणी हिंडनबर्ग मामले में SEBI को जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 6 महीने की जगह 3 महीने का समय दिया है और 14 अगस्त को एफिडेविट के साथ स्टेटस रिपोर्ट जमा करने को कहा है. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण और SEBI की ओर से पक्ष रख रहे तुषार मेहता के बीच तीखी बहस भी हुई.
सुप्रीम कोर्ट में SEBI पहले ही अपने जवाब में इन आरोपों से इनकार कर चुका है कि वो 2016 से अदाणी ग्रुप की कंपनियों की जांच कर रहे थे. इस पर आज प्रशांत भूषण ने कहा कि SEBI का जवाब केंद्र सरकार की ओर से संसद में दिए गए जवाब से मेल नहीं खाता है. प्रशांत भूषण बार-बार तुषार मेहता से 2016 से लेकर अबतक की गई जांच की जानकारी कोर्ट को देने की मांग करते रहे. उन्होंने कहा कि SEBI को इसकी जानकारी रिकॉर्ड पर बतानी चाहिए.
'2016 के मामले का हिंडनबर्ग की जांच से कोई लेना देना नहीं है. आप 2016 से कुछ भी उठाकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट से नहीं जोड़ सकते. 2016 का मामला बिल्कुल अलग था, उसका हिंडनबर्ग रिपोर्ट से कुछ लेना-देना नहीं है.'तुषार मेहता, SEBI के वकील
इस बात पर तुषार मेहता ने कहा कि '2016 के मामले का हिंडनबर्ग की जांच से कोई लेना देना नहीं है. आप 2016 से कुछ भी उठाकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट से नहीं जोड़ सकते. 2016 का मामला बिल्कुल अलग था, उसका हिंडनबर्ग रिपोर्ट से कुछ लेना-देना नहीं है.'
तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि 'साल 2016 में SEBI ने 51 कंपनियों के खिलाफ जो कि भारत में लिस्टेड थीं, आदेश जारी किए थे, इन 51 कंपनियों में अदाणी ग्रुप की कोई कंपनी शामिल नहीं थी.'
मेहता ने कहा कि 'मेरे काबिल दोस्त प्रशांत भूषण चाहते हैं कि 2016 से लेकर अबतक इस कंपनी के खिलाफ जो कुछ भी जांच हुई हो वो सारा कुछ बताया जाए, जिसका इस केस से कोई मतलब नहीं है, क्योंकि याचिकाएं सिर्फ हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर है.'
तुषार मेहता के जवाब पर प्रशांत भूषण ने जब फिर सवाल किया तो CJI चंद्रचूड़ ने भूषण को बताया कि 'हम यहां पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर बहस कर रहे हैं, 2016 की जांच ग्लोबल डिपॉजिटरी रिसीट और 2020 की जांच मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग से जुड़ी हुई थी.'
आपको बता दें कि, GDR मामले में SEBI ने 15 मई को सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया था. SEBI ने बताया कि 2016 से अदाणी ग्रुप पर जांच के आरोप एकदम गलत और 'तथ्यात्मक रूप से निराधार हैं.'
स्वतंत्र कमिटी की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट को रिपोर्ट का विश्लेषण करने के लिए समय चाहिए, कमिटी की रिपोर्ट पर हम अगली सुनवाई 11 जुलाई को करेंगे. CJI ने ये भी कहा कि कमिटी आगे भी विचार करती रहेगी और कोर्ट की सहायता करती रहेगी.