अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (Adani Ports and Special Economic Zone Ltd.) ने श्रीलंका में कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल प्रोजेक्ट को फाइनेंस करने के लिए DFC को दिया गया अनुरोध वापस ले लिया है. कंपनी एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया है कि वो इस प्रोजेक्ट को अपने पैसों से फाइनेंस करेगी और अमेरिकी फंडिंग नहीं लेगी.
कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि कोलंबो परियोजना अच्छी तरह से प्रगति कर रही है और अगले साल की शुरुआत में चालू होने की राह पर है. इसमें कहा गया है, 'प्रोजेक्ट को कंपनी के आंतरिक संसाधनों और कैपिटल मैनेजमेंट प्लान के जरिए फाइनेंस किया जाएगा. हमने DFC से फाइनेंस के लिए अपना अनुरोध वापस ले लिया है'.
पिछले साल, अदाणी ग्रुप को कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल के लिए US इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्प (DFC) से 553 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली थी.
अमेरिका की फंडिंग से पीछे हटने का फैसला श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी की ओर से पिछले महीने अदाणी पोर्ट के कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल प्रोजेक्ट के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के बाद आया है. एक बयान में, SLPA (Sri Lanka Ports Authority) के चेयरमैन एडमिरल सिरीमेवान रणसिंघे (रिटायर्ड) ने इस बात पर जोर दिया कि एग्रीमेंट का दोबार मूल्यांकन करने या इसको खत्म करने की कोई तत्काल योजना नहीं है.
अदाणी ग्रुप देश के पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. कोलंबो टर्मिनल परियोजना, जिसमें एक बिलियन डॉलर का फंड निवेश शामिल है, श्रीलंका के पोर्ट सेक्टर में सबसे बड़े FDI को दर्शाता है. जब ये पूरा हो जाएगा तो ये टर्मिनल 24,000 TEU की क्षमता वाले अल्ट्रा लार्ज कंटेनर वेसल्स (ULCVs) को संभालने में सक्षम होगा और इसकी सालाना हैंडलिंग क्षमता 3.2 मिलियन TEUs से अधिक होने की उम्मीद है.
कोलंबो पोर्ट, हिंद महासागर में सबसे बड़ा ट्रांसशिपमेंट हब है, जो कि साल 2021 से 90% से ज्यादा यूटिलाइजेशन पर काम कर रहा है, जो इसकी अतिरिक्त क्षमता की जरूरत को साफ साफ बताता है. सितंबर 2021 में शुरू की गई कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल परियोजना का लक्ष्य इस मांग को पूरा करना है.
अदाणी पोर्ट्स ने श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी और श्रीलंकाई समूह जॉन कील्स होल्डिंग्स के साथ साझेदारी में CWIT को डेवलप करने के लिए 700 मिलियन डॉलर से ज्यादा निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है. इस निवेश से CWIT को श्रीलंका में सबसे बड़ा और सबसे गहरा कंटेनर टर्मिनल बनाने की उम्मीद है.
1,400 मीटर की लंबाई और 20 मीटर की गहराई के साथ, टर्मिनल 24,000 TEU तक की क्षमता वाले अल्ट्रा लार्ज कंटेनर वेसल्स को संभाल सकेगा. नया टर्मिनल रणनीतिक रूप से इस तरह से डिजाइन किया गया है जिससे ये बंगाल की खाड़ी में बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं को कवर करेगा, श्रीलंका की मौजूदगी ग्लोबल शिपिंग रूट्स की प्राइम लोकेशन पर है जिससे इस क्षेत्र में विस्तार करने की संभावनाएं भी हैं.