नागरिक उड्डयन महानिदेशालय यानी DGCA ने एयर इंडिया (Air India) और इंडिगो (Indigo) को विमान इंपोर्ट करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. विमानों के इंपोर्ट के लिए NOC देने के साथ ही ये भी सुनिश्चित किया गया है कि दोनों एयरलाइंस को नए विमानों के लिए पार्किंग स्लॉट भी उपलब्ध कराए जाएंगे.
DGCA ने एयर इंडिया को 470, जबकि इंडिगो को 500 विमानों के इंपोर्ट की अनुमति दी है. केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री जनरल VK सिंह (रिटायर्ड) ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में ये जानकारी दी.
एयर इंडिया ने इसी साल फरवरी में एयरक्राफ्ट बनाने वाली दिग्गज कंपनी एयरबस और बोइंग के साथ ऐतिहासिक डील का ऐलान किया था. डील के अनुसार, एयर इंडिया, एयरबस से 250 और बोइंग से 220 नए एयरक्राफ्ट खरीदने वाली है. वहीं दूसरी ओर इंडिगो भी आने वाले वर्षों में 500 नए विमान उतारेगी.
बता दें कि टाटा ग्रुप के चेयरमैन N चंद्रशेखरन ने एक वर्चुअल इवेंट में एयर इंडिया की इस डील के बारे में बताया था, जिस इवेंट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी शामिल थे. एयरबस से खरीदे जाने वाले 250 विमानों में 40 वाइड बॉडी एयरक्राफ्ट्स होंगे और 210 नैरो बॉडी एयरक्राफ्ट होंगे.
गुजरात से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य नारायण भाई राठवा ने इस संबंध में सवाल पूछे थे. उन्होंने पूछा था कि क्या पिछले 6 महीनों में प्राइवेट एयरलाइंस को 500 से ज्यादा बोइंग और एयरबस विमान खरीदने की अनुमति दी गई है और क्या इनके लिए देश के एयरपोर्ट्स पर पर्याप्त पार्किंग है.
राज्यसभा सदस्य ने हालांकि विमानों की लागत भी जाननी चाही थी, लेकिन केंद्रीय मंत्री ने एयरलाइन और OEMs के बीच कमर्शियल नेचर का हवाला देते हुए कहा कि अधिग्रहण की लागत के संबंध में जानकारी उपलब्ध नहीं है.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि विमानों के वास्तविक आयात के लिए NOC देते समय पार्किंग स्लॉट की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है. पार्किंग स्लॉट उपलब्ध कराने को लेकर DGCA ने दोनों एयरलाइंस को एयरपोर्ट आपॅरेटर्स के साथ अपना इंडक्शन प्लान शेयर करने की सलाह दी है. एयरलाइंस की इंडक्शन योजना के अनुसार, विमानों को 2023-2035 की अवधि के दौरान आयात करने का प्रस्ताव है.