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Tata Sons AGM: टाटा संस AGM में बोर्ड नियुक्तियों पर होगा फैसला, IPO की स्थिति होगी साफ

14 अगस्त को होने वाली AGM वार्षिक आम बैठक में शेयरधारक नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट्स के बोर्ड में नॉन-एक्जिक्यटिव डायरेक्टर नियुक्त करेंगे.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी11:15 AM IST, 28 Jul 2025NDTV Profit हिंदी
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टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी, टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड पर AGM यानी वार्षिक आम बैठक पर सबकी नजर है. ये बैठक 14 अगस्त, 2025 को होने वाली है.

2025 की वार्षिक आम बैठक (AGM), जो समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा के निधन के बाद पहली बार होगी. इसमें शेयरधारक नोएल टाटा को टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड के बोर्ड में नॉन-एक्जिक्यटिव डायरेक्टर नियुक्त करेंगे. शेयरधारक नोटिस के अनुसार, नोएल टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी के बोर्ड में टाटा ट्रस्ट्स का प्रतिनिधित्व करेंगे. नोएल को अक्टूबर 2024 में अतिरिक्त निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था, जिसकी वार्षिक आम बैठक में पुष्टि होनी बाकी है.

टाटा संस की AGM पर एक नज़र

नोएल टाटा की नियुक्ति के अलावा शेयरधारक सौरभ अग्रवाल और अनीता मारंगोली जॉर्ज को 3 साल के लिए स्वतंत्र निदेशक के रूप में पुनर्नियुक्त करेंगे. इसके अलावा श्री वेणु श्रीनिवासन की स्वतंत्र निदेशक के रूप में और सौरभ अग्रवाल की निदेशक के रूप में पुनर्नियुक्ति शामिल है. अजय पीरामल ने पुनर्नियुक्ति का प्रस्ताव नहीं दिया है, वेणु श्रीनिवासन और अजय पीरामल दोनों अगस्त 2016 में टाटा संस के बोर्ड में शामिल हुए थे.

टाटा संस: वित्तीय स्थिति

भारत के सबसे बड़े समूह, टाटा संस का कुल आय वित्त वर्ष 2024-25 में 12% घटकर 38,834.58 करोड़ रुपये रह गई है. पिछले वर्ष कंपनी की कुल आय 43,893 करोड़ रुपये थी, जबकि अन्य आय 20,036 करोड़ रुपये थी. पिछले वर्ष अन्य आय TCS के शेयरों के बायबैक से अन्य आय बहुत ज्यादा बढ़ी हुई आई थी.

पिछले साल मुनाफा भी 34,653.98 करोड़ रुपये से 24% घटकर 26,231.74 करोड़ रुपये रह गया था.टाटा समूह की कंपनियों की होल्डिंग कंपनी अपनी अधिकांश आय समूह की कंपनियों से प्राप्त डिविडेंड से होती है.

टाटा संस: कब होगी लिस्टिंग!

वित्त वर्ष 2025 के अंत तक, समूह ने सभी देनदारियों और उधारों का पूर्ण भुगतान कर दिया था और वित्तीय गतिविधियों से कोई देनदारी नहीं थी. टाटा संस ने भारतीय रिज़र्व बैंक से अपर लेयर NBFC की श्रेणी से हटने के लिए आवेदन किया है. इस कदम से कंपनी को स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्ट होने की अनिवार्यता से बचने में मदद मिलेगी, क्योंकि RBI के आदेशों के अनुसार सभी अपर लेयर NBFC को सितंबर 2025 तक लिस्ट होना जरूरी है.

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