सिगरेट से लेकर रोजमर्रा के इस्तेमाल के सामान बनाने वाली FMCG कंपनी ITC जल्द ही अपने होटल कारोबार के डीमर्जर की घोषणा करेगी. कंपनी ने इस महीने की शुरुआत में एक्सचेंजों को बताया किया था कि कंपनी को इसके लिए NCLT यानी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की कोलकाता बेंच से मंजूरी मिल गई है.
कंपनी के मुताबिक डीमर्जर के लिए उसे सभी मंजूरियां मिल गई हैं. कंपनी फिलहाल NCLT से सर्टिफिकेट कॉपी का इंतजार कर रही है, ताकि वो ROC के पास फाइल कर सके.
इसके बाद, दोनों कंपनियों का बोर्ड डीमर्जर के लिए रिकॉर्ड तिथि तय करेगा. शेयरधारकों को ITC के प्रत्येक 10 शेयरों के बदले ITC होटल का एक शेयर मिलेगा.
स्कीम ऑफ अरेंजमेंट के मुताबिक, नई कंपनी ITC होटल्स के पास 1 रुपये फेस वैल्यू के 207.84 करोड़ शेयरों की इक्विटी होगी, यानी 207.84 करोड़ रुपये की इक्विटी कैपिटल होगी. नई एंटिटी में ITC की भी 40% हिस्सेदारी होगी. इसमें BAT भी शामिल है, जिसके पास 15.32% हिस्सेदारी होगी.
ITC के मुताबिक, ITC होटल्स की संपत्ति कुल ITC एसेट्स का 13.3% है और नेटवर्थ मूल कंपनी का 14.4% है.
ITC होटल्स को FY24-25 में 3,381 करोड़ रुपये के रेवेन्यू और 537 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. कंपनी की मार्केट वैल्यू करीब 25,000 करोड़ रुपये है, जो ITC के मार्केट कैप के 4% से थोड़ा अधिक है, जिससे ये इंडियन होटल्स के बाद दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गई है.
एसेट लाइट स्ट्रेटेजी के तहत कंपनी ने पिछले 24 महीनों में अपने पोर्टफोलियो में 30 होटल जोड़े हैं. इसने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 15 नई एसेट्स पर हस्ताक्षर किए और सितंबर 2026 तक 28 होटल खोलने की योजना बनाई है.
ITC प्रमुख बेंचमार्क सूचकांकों का हिस्सा है और इसलिए डीमर्जर रिलायंस और जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के डीमर्जर के दौरान देखी गई समान प्रक्रिया का पालन करेगा. निफ्टी 50 इंडेक्स में ITC का वेटेज 4.16% है.
रिकॉर्ड डेट पर ITC के शेयरों में प्राइस एडजस्टमेंट होगा, ये रिलायंस और जियो फाइनेंशियल एडजस्टमेंट के समान होगा.
ITC होटल्स के लिस्टिंग तक इंडेक्स में बने रहने की उम्मीद है. जबकि ITC एडजस्टेड प्राइस पर कारोबार करेगा. ITC होटल्स की प्राइस तब तक स्थिर रहेगी जब तक कि ये लिस्ट नहीं हो जाता और कारोबार शुरू नहीं कर देता.