आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली TDP सरकार ने IT कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को विशाखापत्तनम में 21 एकड़ जमीन देने का फैसला किया है.
इस जमीन की कीमत प्रतीकात्मक रूप से सिर्फ 99 पैसे तय की गई है. सरकार का लक्ष्य है कि विशाखापत्तनम को IT हब के तौर पर विकसित किया जाए.
ये कदम केंद्र सरकार की उस नीति की तरह है, जिसमें गुजरात के साणंद में टाटा मोटर्स को भी इसी तरह प्रतीकात्मक दाम पर जमीन दी गई थी.
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस प्रस्ताव को मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी गई. सरकार और TCS के इस समझौते को राज्य में IT क्षेत्र को मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
आंध्र प्रदेश सरकार पिछले कुछ समय से TCS के साथ बातचीत कर रही थी ताकि कंपनी राज्य में अपनी उपस्थिति दर्ज कराए. राज्य के IT, इलेक्ट्रॉनिक्स और एचआरडी मंत्री लोकेश नारा पहले ही ये जानकारी दे चुके हैं कि TCS विशाखापत्तनम में एक IT सेंटर स्थापित करेगी, जिसमें 10,000 कर्मचारियों के काम करने की व्यवस्था होगी. इससे युवाओं को रोजगार के मौके भी मिलेंगे.
लोकेश नारा ने मुंबई में टाटा सन्स के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन से मुलाकात भी की थी. उनकी मंत्रालय और TCS के बीच लगातार बातचीत चल रही थी ताकि राज्य में कंपनी की मौजूदगी पक्की हो सके.
फिलहाल आंध्र प्रदेश में अन्य IT कंपनियों में HCL टेक्नोलॉजीज की भी मौजूदगी है. HCL का एक सेंटर विजयवाड़ा के गन्नवरम में पहले से ही काम कर रहा है.
TCS ने हाल ही में वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं. कंपनी का कुल कर्मचारी आंकड़ा अब 6,07,979 हो गया है, जो पिछली तिमाही की तुलना में 625 ज्यादा है. इस तिमाही में कंपनी का एट्रिशन रेट 13% से थोड़ा बढ़कर 13.3% हो गया है.
कंपनी की योजना है कि वो वित्त वर्ष 2025-26 में 42,000 नए फ्रेशर्स की भर्ती करेगी. हालांकि मौजूदा अनिश्चित कारोबारी माहौल के चलते कंपनी वेतन वृद्धि को फिलहाल टालने की बात कह चुकी है.