भारत की रिटेल महंगाई (CPI) 2019 के बाद सबसे कम हो गई और इसका कारण सब्जियों की कम कीमतें हैं. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Programme Implementation) के मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स-बेस्ड इन्फ्लेशन अप्रैल में घटकर 3.16% रह गई, जो मार्च में 3.34% थी.
खुदरा महंगाई लगातार घट रही है. ऐसे में आने वाले दिनों में रिजर्व बैंक (RBI) मॉनेटरी पॉलिसी में कुछ नरमी बरत सकता है. महंगाई दर पिछले कुछ वक्त से रिजर्व बैंक के 2 से 4% के लक्ष्य के अंदर रह रही है. पिछली पॉलिसी के दौरान RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने संकेत दिए थे कि अगर महंगाई कम होती है तो दरें और घट सकती हैं. RBI ने पिछली बैठक में रेपो रेट को 6% तक घटाया था, जो लगातार दूसरी कटौती थी. ताजा महंगाई के आंकड़ों को देखते हुए अब एक बार फिर दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ गई है.
अप्रैल CPI रूरल महंगाई 2.92% बढ़ी (YoY)
अप्रैल CPI अर्बन महंगाई 3.36% बढ़ी (YoY)
अप्रैल CPI हाउसिंग प्राइस बढ़ी 3% बढ़ी (YoY)
अप्रैल CPI क्लोथिंग & फुटवियर प्राइस 2.67% बढ़ी (YoY)
April CPI फ्यूल & लाइटिंग प्राइस 2.92% बढ़ी (YoY)
April CPI फूड & बेवरेज प्राइस 2.14% बढ़ी (YoY)
April CPI फूड प्राइस 1.78% बढ़ी (YoY)
दालों की महंगाई अप्रैल में 5.35% रही, मार्च में 5.93% थी
मीट और मछली की महंगाई अप्रैल में 0.35% घटी, मार्च में 0.32% बढ़ी थी
दूध, मिल्क प्रोडक्ट्स की महंगाई दर अप्रैल में 2.72% रही, मार्च में 2.56% थी
ईंधन और बिजली की महंगाई दर अप्रैल में 2.92% रही, मार्च में 1.48% थी
कपड़ों की महंगाई 2.67% बढ़ी है
हाउसिंग प्राइस 3% बढ़ी है