अदाणी पोर्ट्स ने दार अस सलाम पोर्ट के कंटेनर टर्मिनल-2 (CT2) के संचालन के लिए 30 साल की छूट को लेकर एक कंसेशन समझौता किया है. ये समझौता तंजानिया पोर्ट्स अथॉरिटी के साथ किया गया है. दार अस सलाम पोर्ट एक गेटवे पोर्ट है, जो सड़कों और रेलवे से काफी बेहतर ढंग से कनेक्ट है.
CT2 में चार बर्थ हैं और उसकी सालाना प्रबंधन क्षमता करीब 1 मिलियन TEUs की है. इसने 2023 में 0.82 मिलियन TEUs कंटेनर का प्रबंधन किया है. ये तंजानिया की कुल कंटेनर वॉल्यूम का लगभग 83% हिस्सा है.
ईस्ट अफ्रीका गेटवे लिमिटेड (EAGL) को AIPH, अदाणी पोर्ट्स और ईस्ट हार्बर टर्मिनल्स लिमिटेड के ज्वाइंट वेंचर के तौर पर स्थापित किया गया है. इसमें APSEZ कंट्रोलिंग शेयरहोल्डर है.
EAGL ने तंजानिया इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल सर्विसेज लिमिटेड (TICTS) में 95% हिस्सेदारी खरीदने के लिए हचिसन पोर्ट होल्डिंग और हार्बर इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के साथ शेयर पर्चेज एग्रीमेंट किया है. इसके तहत EAGL ने 39.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया है. अदाणी ग्रुप TICTS के जरिए ही CT2 को ऑपरेट करेगा.
इस मौके पर APSEZ के मैनेजिंग डायरेक्टर करण अदाणी ने कहा, 'दार अस सलाम पोर्ट में कंटेनर टर्मिनल 2 के कंसेशन के लिए किया गया समझौता APSEZ की 2030 तक दुनिया के सबसे बड़े पोर्ट ऑपरेटर में शामिल होने की महत्वकांक्षा के साथ मेल खाता है. हमें विश्वास है कि पोर्ट्स और लॉजिस्टिक्स में हमारी विशेषज्ञता और नेटवर्क के जरिए हम हमारे और ईस्ट अफ्रीका के पोर्ट्स के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग में इजाफा करने में कामयाब रहेंगे.'
अदाणी ग्रुप की APSEZ एक पोर्ट कंपनी से आगे बढ़कर आज इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट यूटिलिटी बन गई है, जो पोर्ट गेट से लेकर कस्टमर तक एंड-टू-एंड सॉल्युशन उपलब्ध करवा रही है.
ये भारत की सबसे बड़ी पोर्ट डेवलपर और ऑपरेटर है. कंपनी के पास पश्चिमी तट पर 7 स्ट्रैटेजिक पोर्ट्स और टर्मिनल्स हैं. इनमें मुंद्रा, टूना, दाहेज, हजीरा, मोर्मुगाव, दिघी और विझिंजम शामिल हैं. पूर्वी तट पर भी 8 टर्मिनल और पोर्ट हैं, इनमें हल्दिया, धामरा, गोपालपुर, गंगावरम, कृष्णापटनम, कट्टुपल्ली, एन्नोर और करईकल शामिल हैं.