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बोइंग 737 का रडर जाम होने से टेंशन! DGCA ने एयरलाइन्‍स के लिए जारी की चेतावनी

विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग की दुनियाभर में तूती बोलती है. कई इंडियन एयरलाइन कंपनियों के बेड़ों में बोइंग के प्लेन हैं.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी06:18 PM IST, 07 Oct 2024NDTV Profit हिंदी
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इंडियन एविएशन रेगुलेटर DGCA ने बोइंग 737 विमानों का संचालन करने वाली कुछ एयरलाइन्‍स को जाम या प्रतिबंधित रडर कंट्रोल सिस्‍टम के संभावित खतरों के बारे में अलर्ट किया है. ये 737 मॉडल की सभी सीरीज पर लागू होता है.

एयरक्राफ्ट रडर एक प्राइमरी मैकेनिज्‍म है, जो जेट की गति को कंट्रोल करता है. एयर इंडिया एक्सप्रेस, स्पाइसजेट और अकासा एयर जैसी एयरलाइन्‍स, देश में बोइंग 737 सीरीज के विमानों का संचालन करती है.

जोखिमों का आकलन करे एयरलाइन्‍स

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इन एयरलाइनों को सुरक्षा से जुड़े खतरों का आकलन करने को कहा है. साथ ही कुछ प्रकार के इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग को रोकने के लिए कहा है.

DGCA ने एक बयान में कहा, 'सभी उड़ान कर्मचारियों को जाम या प्रतिबंधित पतवार नियंत्रण प्रणाली की संभावना के बारे में एक सर्कुलर/एडवायजरी के जरिये सूचित किया जाना चाहिए और उचित उपायों/निवारण के बारे में बताया जाना चाहिए.'

इन 5 निर्देशों का पालन जरूरी

दरअसल, DGCA ने हाल ही में US NTSB एविएशन जांच रिपोर्ट का संज्ञान लिया है, जिसमें कोलिन्स एयरोस्पेस SVO-730 रडर रोलआउट गाइडेंस एक्ट्यूएटर्स से लैस बोइंग 737 विमानों से जुड़ी सिक्‍योरिटी कंसर्न पर ध्‍यान खींचा गया है. जाम या प्रतिबंधित रडर कंट्रोल सिस्‍टम के जोखिम को ध्यान में रखते हुए, DGCA ने कुछ सिफारिशें जारी की हैं, जो तुरंत प्रभाव से लागू होंगी.

  • सर्कुलर/एडवायजरी जारी करना: सभी उड़ान चालक दल को जाम या प्रतिबंधित रडर कंट्रोल सिस्‍टम की संभावना के बारे में सर्कुलर/एडवायजरी के माध्यम से सूचित किया जाना चाहिए. चालक दल को ऐसी स्थिति की पहचान करने और उसे संभालने में मदद करने के लिए उचित उपाय बताए जाने चाहिए.

  • सिक्‍योरिटी रिस्‍क का मूल्‍यांकन: सभी ऑपरेटर्स को रडर कंट्रोल सिस्‍टम से जुड़े खतरों का मूल्यांकन करने और उसे कम करने के लिए विमान के लिए सिक्‍योरिटी रिस्‍क की समीक्षा करनी चाहिए.

  • कैट III बी एप्रोच और रोलआउट बंद हो: सभी श्रेणी III बी एप्रोच, लैंडिंग और रोलआउट संचालन (प्रैक्टिस या रेगुलर ऑटोलैंड सहित) को अगले नोटिस तक विमानों के लिए बंद कर दिया जाना चाहिए.

  • अनिवार्य ट्रेनिंग डिस्‍कशंस: संभावित रडर कंट्रोल सिस्‍टम से जुड़े मुद्दों के बारे में चर्चा को प्री-सिम्युलेटर ब्रीफिंग के दौरान री-करेंट ट्रेनिंग सेशंस और इंस्ट्रूमेंट रेटिंग/प्रोफिशिएंसी चेक (IR/PPC) में अनिवार्य विषय के रूप में शामिल किया जाना चाहिए.

  • ट्रेनिंग एक्‍सरसाइज: ऑपरेटर्स को री-करेंट ट्रेनिंग और IR/PPC में विशेष एक्‍सरसाइज शामिल करने को कहा गया है. इन एक्‍सरसाइजेस के दौरान उचित उड़ान चालक दल की प्रतिक्रियाओं और निवारण का अभ्‍यास किया जाना चाहिए.

PM और राष्‍ट्रपति भी करते हैं यात्रा

देश में लंबे समय से 737 विमानों का संचालन होता आ रहा है. भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) भी बोइंग 737 विमान का संचालन करती है और ये VIP स्क्वाड्रन का हिस्सा है. यहां तक ​​कि प्रधानमंत्री (Prime Minister) और राष्ट्रपति (President of India)भी 737 विमानों से यात्रा करते हैं.

दुनिया में दबदबा, लेकिन...

विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग की दुनियाभर में तूती बोलती है. कई इंडियन एयरलाइन कंपनियों के बेड़ों में बोइंग के प्लेन हैं. पैसेंजर एयरलाइन्स में एयर इंडिया, अकासा एयर, स्पाइस जेट और विस्तारा के अलावा कार्गो (सामान ढोने वाले जहाज) एयरलाइन्स में ब्लू डार्ट और स्पाइसएक्सप्रेस (SpiceXpress) के पास बोइंग के प्लेन हैं.

साल 2018 और 2019 में बोइंग के दो 737 मैक्स प्लेन क्रैश हुए थे, जिसमें 346 लोगों की मौत हुई थी. इंडोनेशिया और इथियोपिया में दो घातक दुर्घटनाओं के बाद अमेरिका, भारत सहित 40 से अधिक देशों ने बोइंग के 737 मैक्स विमान पर प्रतिबंध लगा दिया. लंबी जांच के बाद इसपर से बैन हटाया गया था.

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