Bank Fraud Case: सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन यानी सीबीआई (CBI) ने 4,000 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी (Bank Fraud) के मामले में कॉर्पोरेट पॉवर लिमिटेड (Corporate Power Limited) नामक कंपनी और उसके निदेशकों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है. केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि एजेंसी ने गुरुवार को नागपुर, मुंबई, रांची, कोलकाता, दुर्गापुर, गाजियाबाद और विशाखापत्तनम समेत अनेक शहरों में 16 स्थानों पर तलाशी ली थी. इस दौरान कई तरह के दस्तावेज जब्त किए गए हैं. फिलहाल एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है.
कोलकाता की कंपनी कॉर्पोरेट पॉवर लिमिटेड पर 20 बैंकों के एक कंसोर्टियम के साथ कथित तौर पर 4037.87 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है. इस कंपनी के खिलाफ यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था.
आपको बता दें कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 30 सितंबर 2013 को कॉर्पोरेट पॉवर लिमिटेड के अकाउंट को एनपीए (NPA) के रूप में घोषित कर दिया था. जिसके बाद इस कंपनी के अकाउंट को अन्य कंसोर्टियम बैंकों ने भी एनपीए के रूप में घोषित किया था. वहीं, कॉर्पोरेट पॉवर लिमिटेड के अकाउंट को 25 अक्टूबर 2019 को फ्रॉड घोषित कर दिया गया था.
सीबीआई (CBI) के एक प्रवक्ता ने बयान में कहा है कि कथित कर्जदार कंपनी ने 2009 से 2013 के बीच परियोजना लागत विवरणों में हेराफेरी की थी. इस दौरान कंपनी ने हेरफेर करके परियोजना लागत संबंधी कागज जमा किये थे और बैंकों को चूना लगाकर उससे धन प्राप्त किया था. जानकारी के मुताबिक, एजेंसी ने दर्ज की गई प्राथमिकी में कंपनी और उसके निदेशकों-प्रमोटर्स को नामजद किया है.