भारत के क्विक डिलीवरी मार्केट में कंपटीशन और तेज होने जा रही है. हाल में मुनाफे में आई ब्लिंकिट (Blinkit) की आगे स्विगी इंस्टामार्ट और जेप्टो को उन्हीं के घर में चुनौती देने की योजना है.
बता दें ब्लिंकिट का जोमैटो ने 2022 में 4,447 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया था, तब इसे गोफर्स नाम से जाना जाता था. तब गोफर्स बड़े पैमाने पर नुकसान में रहने वाली कंपनी थी. डील के बाद 6 सेशन में स्टॉक की वैल्यू 20% तक कम हो गई थी.
लेकिन इसके बाद ब्लिंकिट रास्ते पर आई और मार्च में कंपनी ने एडजस्टेड Ebitda के पॉजिटिव रहने की घोषणा की.
11 साल पहले स्थापित हुई ब्लिंकिट के पास आज 526 स्टोर्स हैं, जो 10 मिनट में डिलीवरी देने के वायदे को पूरा करने के लिए स्ट्रेटेजिक तौर पर स्थापित किए गए हैं.
पिछले कुछ क्वार्टर्स में कंपनी ने लगातार विस्तार भी किया है. Q4 में 75 नए स्टोर खोले गए हैं. जबकि अगले 1 साल में 474 नए स्टोर खोलने की बड़ी योजना है. इससे कुल स्टोर्स की संख्या लगभग दोगुनी हो जाएगी. मतलब कंपनी आगे काफी आक्रामक रवैया अपनाने वाली है.
विस्तार बनाम मुनाफे की बात पर ब्लिंकिट के फाउंडर अलबिंदर ढींढसा ने साफ कहा कि फिलहाल फोकस विस्तार पर ही है.
शेयरहोल्डर्स को लिखे लेटर में उन्होंने कहा, 'ग्रोथ के लिए हमारा सबसे अहम हथियार स्टोर एक्सपेंशन ही है. Q4FY24 में हमने 75 नए स्टोर्स खोले, अब हमारे कुल 526 स्टोर्स हो चुके हैं. तुलना के लिए बताऊं तो हमने इसके पहले के तीन क्वार्टर में भी इतने स्टोर्स नहीं खोले थे.'
उन्होंने कहा, 'हमने FY25 के आखिर तक 1,000 नए स्टोर्स खोलने का लक्ष्य बनाया है. चूंकि हम आक्रामक ढंग से स्टोर्स ओपनिंग पर काम करने वाले हैं, ऐसे में हमारे बिजनेस में ओवरऑल Adjusted Ebitda अगले कुछ क्वार्टर्स तक शून्य के आसपास रहने वाला है. स्थिर स्थितियों में हमें Ebitda मार्जिन 4-5% (ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू के हिस्से के तौर पर) रहने का अनुमान है.'
लेकिन ब्लिंकिट कहां विस्तार करेगा?
ब्लिंकिट का होम बेस गुरुग्राम है. गुरुग्राम में स्वाभाविक तौर पर कंपनी का मार्केट शेयर बेहतर है. लेकिन बेंगलुरु और मुंबई जैसे शहरों में, जहां स्विगी इंस्टामार्ट और जेप्टो स्थित हैं, वहां ब्लिंकिट ज्यादा भीतर तक पहुंच नहीं बना पाया है.
ढींढसा ने कहा, 'ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू के हिसाब से हमारा दूसरा सबसे बड़ा शहर बेंगलुरु है, जहां दिल्ली NCR की तुलना में ये वैल्यू महज 30% ही है, स्टोर काउंट में भी दोनों शहरों में कमोबेश इतना ही अंतर है. अगले कुछ क्वार्टर्स में हमें बेंगलुरु और मुंबई, हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में दिल्ली NCR की तरह की पहुंच बनानी है.'
स्टेटिस्टिका के मुताबिक, स्विगी इंस्टामार्ट के देश में करीब 500 डार्क स्टोर हैं, जबकि जेप्टो के पास 340 डार्क स्टोर हैं. इस फील्ड में जल्द अमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां भी प्रवेश कर सकती हैं.
ऐसे में ब्लिंकिट की अपने स्टोर्स दोगुने करने की कवायद को बड़े कॉरपोरेट खिलाड़ियों के आने से पहले तैयारी के तौर पर भी देखा जा सकता है.