निजी बैंकर्स का कहना है कि ये भारत का दशक है. देश जल्द ही 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य पर पहुंच जाएगा और बैंकिंग सेक्टर इसमें अहम भूमिका निभाएगा.
मुंबई में आज आयोजित किए गए BQ बैंकिंग समिट 2023 (BQ Banking Summit 2023) में कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank) की होल टाइम डायरेक्टर शांति एकंबरम ने कहा कि भारत के बैंकिंग सिस्टम (Indian Banking System) में असीमित क्षमता है.
वहीं, एक्सिस बैंक (Axis Bank) के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव आनंद ने कहा कि आगे लोग डिजिटल का ज्यादा इस्तेमाल करेंगे और अनौपचारिक से औपचारिक क्षेत्र में आएंगे. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र में बहुत जोश है और डेटा के फॉर्मलाइजेशन से इसमें ग्रोथ होगी.
उन्होंने कहा, 'MSME सेक्टर को लेकर बहुत उत्साहित हूं और मेरा मानना है कि अगला दशक इस सेक्टर के लिए वैसा साबित होगा, जैसा पिछला दशक रिटेल के लिए था.... MSMEs अपनी बेहद मजबूत ग्रोथ जारी रखेंगी, पहले तो कुछ कंपनियों के पास डेटा के नाम पर कुछ भी नहीं था, लेकिन अब डेटा का फॉर्मलाइजेशन बढ़ा है.'
एकंबरम ने कहा, 'आज उपलब्ध डेटा की मात्रा बढ़ी है, साथ ही डेटा के अलग-अलग तरह से उपयोग की संभावना भी असीमित है. इसलिए बैंकों की कर्ज देने की क्षमता में भी इजाफा हुआ है.'
बैंकिंग में शामिल आबादी को डेटा के जरिए दिशा देने की अहमियत पर जोर देते हुए एकंबरम ने कहा, 'अगर इकोनॉमी बढ़ती है, तो लोगों की पर कैपिटा इनकम और क्रेडिट क्वालिटी पर भी ट्रिकल डॉउन इफेक्ट होगा.'
वहीं, आनंद ने कहा कि 'भारत में डेटा तक सभी लोगों का एक्सेस बढ़ा है. अकाउंट एग्रीगेटर्स की मदद से बैंकों की लोन के लिए जोखिम को समझने की क्षमता बढ़ने वाली है. भारतीय बैंकिंग सिस्टम में कंसोलिडेशन फेज शुरू हो गया है. हम टेक्नोलॉजी के सुपर साइकिल में है और नई चीजें आती रहेंगी.'
डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए सेवाएं पहुंचाने में हुए सुधार और इकोनॉमी के ट्रिकल डॉउन इफेक्ट के मौके का बैंक अपने विस्तार के लिए बखूबी फायदा उठा रहे हैं.
एकंबरम ने कहा कि 'लायबिलिटी बैंक की मुख्य एसेट है. लायबिलिटी और CASA पर बड़ा फोकस है और जैसे ग्राहक बढ़ते हैं, बैंकों के पास भी ज्यादा पोर्टफोलियो होंगे, जहां वे अपने पैसे को जमा कर पाएंगे.' बैंकिंग और बैंक में पैसे हमेशा भारतीय परिवारों के लिए अहम रहेंगे. कम से कम 10 सालों तक ऐसा रहेगा. लेकिन लायबिलिटी बैंकों के लिए सबसे अहम हैं.'
आनंद ने भी सहमति जताते हुए कहा कि 'अगर आप मजबूत बैंक बनाता चाहते हैं, तो स्थिर लायबिलिटी फ्रेंचाइजी जरूरी है.'
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