ADVERTISEMENT

कम नहीं हो रहीं Byju's की मुश्किलें, अब सेल्स कर्मचारियों को सिर्फ रेवेन्यू के बेसिस पर मिलेगी सैलरी

सेल्स के सभी कर्मचारियों और बायजूज की एग्जाम तैयार करने वाली टीम को बेस सैलरी नहीं मिलेगी, बल्कि रेवेन्यू का एक हिस्सा ही मिलेगा.
NDTV Profit हिंदीऋषभ भटनागर
NDTV Profit हिंदी02:17 PM IST, 02 May 2024NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

मुश्किल में फंसी एडटेक कंपनी बायजूज (Byju's) ने अब अपने सेल्स कर्मचारियों की सैलरी को हर महीने उनकी ओर से लाए गए रेवेन्यू (Revenue) से लिंक कर दिया है. स्टार्टअप पेरोल (Byju's Payroll) में बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है. NDTV Profit की रिपोर्ट के मुताबिक एक आंतरिक दस्तावेज में कहा गया है कि 24 अप्रैल से 21 मई तक सेल्स के सभी कर्मचारियों और बायजूज की एग्जाम तैयार करने वाली टीम को इस अवधि के लिए बेस सैलरी नहीं मिलेगी, बल्कि रेवेन्यू का एक हिस्सा ही मिलेगा.

बायजूज ने नई पॉलिसी को लेकर क्या कहा?

बायजूज ने स्टेटमेंट में लिखा कि क्योंकि बेस सैलरी को खत्म कर दिया गया है, तो आपको दी गई अवधि के लिए कोई पेआउट या सैलरी नहीं मिलेगी. नई पॉलिसी के मुताबिक अगले चार हफ्तों तक हर हफ्ते सेल्स एसोसिएट्स को वीकली कलेक्शन का 50% सीधे दे दिया जाएगा.

दस्तावेज में कहा गया है कि उदाहरण के लिए अगर कोई एसोसिएट 24 अप्रैल और 30 अप्रैल के बीच ऑर्डर्स से 50,000 रुपये का रेवेन्यू जनरेट करता है, तो उनको 1 मई को 25,000 रुपये मिलेंगे.

बायजूज का दावा है कि इस कदम से सेल्स टीम को ऑपरेशनल एडजस्टमेंट्स और सिस्टम ऑप्टिमाइजेशन के दौरान भी समय पर सैलरी मिलेगी. इसमें आगे लिखा है कि एसोसिएट्स को दी गई राशि को फिर किसी बकाया सैलरी के अगेंस्ट एडजस्ट किया जाएगा. इसमें कहा गया है कि इस फीचर से सुनिश्चित होगा कि हमारे सेल्स एसोसिएट्स को तुरंत अपनी उचित कमाई मिल जाए. इससे वित्तीय सुनिश्चित और स्थिरता बढ़ेगी.

लगातार मुश्किलों में फंसी कंपनी

पिछले 18 महीनों के दौरान बायजूज बड़े संकट से घिरी रही है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में कंपनी के खिलाफ कम से कम पांच इंसोल्वेंसी याचिकाएं हैं.

इसके अलावा कंपनी की उसके निवेशकों से भी बड़ी लड़ाई चल रही है, जिन्होंने रवींद्रन को बाहर निकालने और रवींद्रन के परिवार को शामिल किए बिना बोर्ड के पुनर्गठन की मांग की है. इस अवधि के दौरान कंपनी की वैल्यूएशन में भी गिरावट आई.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT