बायजूज (BYJU's) को चलाने वाली एडटेक कंपनी थिंक एंड लर्न ने अपने 25% कर्मचारियों की पूरी सैलरी को जारी कर दिया है, हालांकि ये कर्मचारी लो-पे स्केल वाले हैं. जबकि बाकी कर्मचारियों को आंशिक सैलरी का भुगतान किया गया है. सूत्रों के हवाले से ये जानकारी मिली है.
बायजूज के मैनेजमेंट ने रविवार को कर्मचारियों को चिट्ठी के दो सेट लिखे हैं, जिसमें उन्हें वैकल्पिक फंड व्यवस्था के जरिए वेतन भुगतान के बारे में सूचित किया गया और ये बताया गया है कि निवेशकों के एक चुनिंदा समूह की ओर से फंड को बाधित करने की वजह से कंपनी को वित्तीय मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
चिट्ठी में मैनेजमेंट ने लिखा'हमने आपका फरवरी का वेतन शुक्रवार देर रात को प्रोसेस कर दिया है, हालांकि कल दूसरा शनिवार होने और लंबे वीकेंड की वजह से हम उम्मीद करते हैं कि सैलरी सोमवार को आपके खातों में आ जाएगी.
बायजूज के मैनेजमेंट ने उन कर्मचारियों से कहा, जिनका पूरा वेतन जारी कर दिया गया है, हम इस देरी के कारण हुई किसी भी असुविधा के लिए ईमानदारी से माफी मांगते हैं और आपकी समझ के लिए आभारी हैं.
सूत्रों के मुताबिक लो-पे स्केल वाल 25% कर्मचारियों को पूरा भुगतान मिलेगा.
कंपनी ने कहा 'जैसा कि आप जानते हैं, निवेशकों के एक समूह ने राइट्स इश्यू के जरिए जुटाई गई रकम को रोक दिया है. जिससे वो हमारे कारोबार उद्देश्यों के लिए अस्थायी रूप से उपलब्ध नहीं हैं, ऐसी स्थिति ने कंपनी के लिए तत्काल वित्तीय दिक्कतें पैदा कर दी हैं, हालांकि, हम आपको आश्वस्त करते हैं कि हम इस मामले को सुलझाने और स्थिति को सामान्य करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं.
बायजूज के चार निवेशकों के एक समूह ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल, बेंगलुरु बेंच के सामने कंपनी के मैनेजेंट के खिलाफ उत्पीड़न और कुप्रबंधन का मुकदमा दायर किया है, जिसमें CEO बायजू रवींद्रन समेत फाउंडर्स को बाहर करने और एक नया बोर्ड नियुक्त करने की मांग की गई है. इसके अलावा हाल ही लाए गए राइट्स इश्यू को भी खत्म करने की मांग की गई है.
इस याचिका को टाइगर और आउल वेंचर्स सहित कई शेयरधारकों का सपोर्ट है, साथ ही इस पर चार निवेशकों - प्रोसस, जनरल अटलांटिक, सोफिना और पीक XV की ओर से दस्तखत किए गए हैं. ट्रिब्यूनल ने बायजू से 200 मिलियन डॉलर के राइट्स इश्यू की क्लोजिंग डेट बढ़ाने पर विचार करने के लिए कहा है, हालांकि मैनेजमेंट ने संकेत दिया है कि वो इसे स्वीकार नहीं करेगा.
27 फरवरी के एक अंतरिम आदेश में, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल, बेंगलुरु बेंच ने कहा कि राइट्स इश्यू के जरिए कंपनी की ओर से हासिल रकम को एक अलग एस्क्रो खाते में रखा जाना चाहिए और मामले के निपटारे तक इसे निकाला नहीं जाना चाहिए. मामले की अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी.