बायजू (Byju's) के साथ जुड़ा कोई भी मसला जल्दी नहीं निपटता. BCCI के साथ बायजू के सेटलमेंट को NCLAT से मिली मंजूरी मिली थी, जिस पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है.
158 करोड़ रुपये के बकाए को लेकर एपीलेट ट्रिब्यूनल NCLAT ने सेलमेंट को हरी झंडी दी थी, इससे ये लगा था कि बायजू के खिलाफ इनसॉल्वेंसी का मामला यहीं खत्म हो जाएगा, लेकिन अमेरिका की ग्लास ट्रस्ट कंपनी ने NCLAT के इस आदेश को चुनौती दे डाली, जिससे अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया है, सुप्रीम कोर्ट इस मामले दाखिल ग्लास ट्रस्ट कंपनी की याचिका पर सुनवाई 23 अगस्त को करेगा.
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने BCCI को बायजू से मिले 158 करोड़ रुपये एक अलग एस्क्रो अकाउंट में रखने का निर्देश दिया है. इस महीने की शुरुआत में, NCLAT ने BCCI के साथ बायजू के समझौते को मंजूरी दी थी, जिससे उसकी इनसॉल्वेंसी की प्रक्रिया रुक गई.सेटलमेंट के मुताबिक बायजू को BCCI के साथ अपने बकाया का निपटान करना होगा, जिसका भुगतान 2 अगस्त और 9 अगस्त को देना तय किया गया था. NCLAT ने समझौते को मंजूरी देते हुए कहा था कि अगर तय समय के मुताबिक भुगतान नहीं किया गया तो दिवालिया प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी जाएगी.
अमेरिका के कर्जदाता इस सेटलमेंट का विरोध कर रहे थे, क्योंकि सेटलमेंट के लिए जिस पैसे का इस्तेमाल किया गया था, वो उनसे लिया गया था और उसका स्रोत भी सवालों के घेरे में था.
पिछले साल जुलाई में बायजू के खिलाफ इनसॉल्वेंसी की प्रक्रिया शुरू की गई थी, जब वो BCCI के 158.9 करोड़ रुपये चुकाने में नाकाम रही थी.
BCCI के साथ बायजू की वित्तीय दिक्कतों में एक सबसे बड़ा मुद्दा साल 2019 के 'टीम स्पॉन्सर एग्रीमेंट' से पैदा हुआ. इस एग्रीमेंट ने बायजू को भारतीय क्रिकेट टीम की किट पर अपना ब्रैंड डिस्प्ले करने, क्रिकेट प्रसारण के दौरान विज्ञापन देने और BCCI की ओर से आयोजित हर एक मैच का टिकट हासिल करने का एक्सक्लूसिव राइट दिया था. इसके बदल में बायजू को BCCI को स्पॉन्सरशिप फीस देनी थी.
बायजू ने केवल मार्च 2022 तक ही इन भुगतानों को दिया, इसके बाद इसने जून 2022 में भारत-दक्षिण अफ्रीका सीरीज के लिए पूरी तरह से पेमेंट नहीं किया, हालांकि, 143 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी भुनाने के बाद भी, ये बाद के बिल्स का निपटान करने में नाकाम रहा. ये सिलसिला चलता रहा, अगस्त 2022 से जनवरी 2023 तक कई सीरीज और टूर के लिए अनपेड स्पॉन्सरशिप फीस बढ़कर 158.9 करोड़ रुपये हो गई.
कभी 22 बिलियन डॉलर की वैल्युएशन रखने वाली बायजू लगातार अपनी वैल्यू खोती चली गई. कोविड-19 महामारी के बाद स्कूलों के फिर से खुलने से बायजू की हालत और भी पतली हो गई. जिससे इसकी ऑनलाइन एजुकेशन सर्विसेज की डिमांड घटने लगी. जनवरी में ब्लैकरॉक ने बायजू की वैल्यूएशन घटाकर सिर्फ 1 बिलियन डॉलर कर दी. कंपनी की मुसीबतें दो साल पहले शुरू हुईं, जब इसने फाइनेंशियल रिपोर्टिंग की डेडलाइन को मिस करना शुरू किया और अपनी आय के अनुमानों से पिछड़ती चली गई.