NCLAT ने बायजूज को अब दिवालिया प्रक्रिया से बाहर आने की अनुमति दे दी है. दरअसल बायजूज और BCCI के बीच सेटलमेंट को NCLAT की अनुमति मिल गई है. सेटलमेंट के लिए रिजू रवींद्रन ने पैसा दिया है. रिजू, फाउंडर बायजू रवींद्रन के भाई हैं.
NCLAT ने ये भी कहा है कि अगर बायजूज पेमेंट की शर्तों का उल्लंघन करती है, तो BCCI दोबारा बायजूज को इन्सॉल्वेंसी प्रक्रिया में ले जा सकती है.
इससे पहले बुधवार को NCLAT में हुई सुनवाई में दोनों पक्षों के वकील ने दोनों कंपनियों के बीच जारी बातचीत के बारे में बताया था. सुनवाई में बायजूज के वकील ने कोर्ट से कहा था कि कंपनी BCCI को 9 अगस्त तक भुगतान करेगी.
25 जुलााई 2019 को बायजूज और BCCI के बीच 'टीम स्पॉन्सरशिप एग्रीमेंट' हुआ था. बाद में इसे कुछ वक्त के लिए बढ़ा दिया गया था. लेकिन जनवरी 2023 में बायजूज ने वित्तीय समस्याओं का हवाला देते हुए हाथ खींच लिए.
इसके बाद BCCI अपने 159 करोड़ रुपये की डिमांड के साथ कानूनी कार्यवाही को आगे बढ़ाने के लिए मजबूर हो गई थी. 8 सितंबर 2023 को BCCI ने NCLAT में कंपनी के खिलाफ इनसॉल्वेंसी याचिका दायर की थी.
बता दें बायजूज के लिए बीते 2 साल काफी मुश्किल भरे रहे हैं. इस दौरान कंपनी के गवर्नेंस मॉडल पर सवाल खड़े हुए, फंड साइफनिंग जैसे आरोप लगे और बड़े पैमाने पर छंटनियां हुईं. कंपनी अपने निवेशकों के साथ कानूनी मुकदमेबाजी में भी फंसी रही.
इस बीच कंपनी का वैल्यूएशन घटकर चंद मिलियन डॉलर रह गया है, जबकि ये एक समय 22 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था. यहां तक कि जून में कंपनी के बड़े निवेशक प्रोसस ने अपनी 9.6% हिस्सेदारी को राइट ऑफ भी कर दिया था.