भारत में कार की डिमांड लगातार बढ़ रही है, मगर एक सच ये भी है कि गाड़ियों की इन्वेंस्ट्री भी बहुत ज्यादा हो गई है. करीब 3 साल तक ब्लॉकबस्टर बिक्री के बाद मई महीने में गाड़ियों की बिक्री में कमी आई है. जून में भी इसका मौसम ठंडा ही समझिए. यही वजह है कि भारत के कार डीलर्स के शोरूम में अब 4.5 लाख यूनिट से बड़ी इन्वेंट्री खड़ी हो गई हैं.
FADA चेयरमैन (रिसर्च एंड एकेडमी) विंकेश गुलाटी (Vinkesh Gulati) ने NDTV Profit से बातचीत में कहा, 'जो रिपोर्ट किया जा रहा है, वो एकदम कंजर्वेटिव है. डीलर्स 4.5 से 5 लाख यूनिट पर बैठे हैं'.
देश का कार मार्केट खुद ही 3.5 लाख यूनिट महीने की रफ्तार से ग्रो कर रहा है, लेकिन स्टॉकयार्ड में 1 लाख यूनिट अपने आप में टिक नहीं पाएंगी.
उन्होंने कहा, 'अगर कारों की इन्वेंट्री का लेवल 4 लाख तक होता, तो हम आरामदायक स्थिति में होते. लेकिन अभी ये इन्वेंट्री 1 लाख कारों से ज्यादा की हो गई है है'. गुलाटी के मुताबिक, 'ये न तो खरीदारों और न बेचने वालों के लिए अच्छा है. इन्वेंट्री को होल्ड करने की कीमत भी हर महीने के साथ बढ़ती जाती है'.
गुलाटी ने कहा, 'मई में इन्वेंट्री लेवल 40 दिन से ज्यादा का हो गया है, जो कि आम तौर पर सितंबर महीने में दिखाई देता था'. उनके मुताबिक, 'मासिक आउटपुट 3.85 लाख के करीब होता है. मई में 3.5 लाख गाड़ियां डिस्पैच हुईं. इससे केवल पाइपलाइन आगे ही बढ़ी है'.