स्विगी (Swiggy) के इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के ऐलान के बाद स्पोर्ट्स से लेकर एंटरटेनमेंट से कई सिलेब्रिटीज रेस्टोरेंट एग्रीगेटर में हिस्सेदारी खरीद रहे हैं. इंस्टामार्ट की पेरंट कंपनी के करीब दो लाख शेयर की अनलिस्टेड मार्केट में ट्रेडिंग हुई है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) और जहीर खान (Zaheer Khan) जैसे क्रिकेटर, टेनिस स्टार रोहन बोपन्ना, फिल्ममेकर करण जौहर (Karan Johar) और अभिनेता आशीष चौधरी भी इस कंपनी में हिस्सेदारी खरीद रहे हैं.
ये पहली बार नहीं है कि स्विगी ने स्टार पावर को आकर्षित किया है. इससे पहले भी बॉलीवुड स्टार जैसे माधुरी दीक्षित और अमिताभ बच्चन के अलावा उद्यमी रितेश मलिक निवेश कर चुके हैं.
हालांकि कंपनी के DRHP में ये नाम शामिल नहीं हैं. ड्राफ्ट दस्तावेजों में सिर्फ सचिन तेंदुलकर और उनकी पत्नी अंजलि तेंदुलकर के नाम हैं. फूड डिलीवरी सेक्टर में कंपनी की तेज लोकप्रियता ने उसे भारत के बड़े टेक स्टार्टअप्स में से एक बना दिया है और उसका क्विक कॉमर्स और हाइपर लोकल लॉजिस्टिक्स में डाइवर्सिफिकेशन से लोग आकर्षित हो रहे हैं.
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) मौजूदा समय में स्विगी के ड्राफ्ट प्रोस्पेक्टस को रिव्यू कर रही है, जो लोगों की प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध है. कंपनी 83,365 करोड़ रुपये या करीब $10 बिलियन की वैल्युएशन को टारगेट कर रही है.
कंपनी को पहले Bundl टेक्नोलॉजीज के नाम से जाना जाता था. अब स्विगी ने रिब्रैंडिंग के साथ अपनी मार्केट आइडेंटिटी को मजबूत कर लिया है. ड्राफ्ट से पहले सब्मिट किए गए लेटेस्ट शेयर ट्रांजैक्शंस के आधार पर कंपनी की योजना IPO के लिए 10,700 करोड़ रुपये जुटाने की है.
शुरुआती निवेशकों के पास मौजूद सभी प्रेफरेंस शेयर को कन्वर्ट करने के बाद स्विगी के पास कुल 222.30 करोड़ शेयरों की इक्विटी होगी.
स्विगी शुरुआत साल 2014 में हुई थी. कंपनी के प्लेटफॉर्म पर देशभर के 1,50,000 से ज्यादा रेस्टोरेंट्स हैं. कंपनी फूड डिलीवरी के अलावा क्विक कॉमर्स के बिजनेस में भी है. क्विक कॉमर्स का बिजनेस वो इंस्टामार्ट के नाम से करती है.
फूड डिलीवरी में तो कंपनी का मुख्य मुकाबला जोमैटो से है, मगर इंस्टामार्ट के बिजनेस में उसका मुकाबला जोमैटो की सब्सिडियरी ब्लिंकिट और जेप्टो से है. इसके अलावा अमेजॉन, टाटा ग्रुप के बिगबास्केट और फ्लिपकार्ट से भी कंपटीशन है. क्विक कॉमर्स या ग्राॉसरी की ई-कॉमर्स बिजनेस दिन प्रतिदिन ज्यादा कंपटीटिव होता जा रहा है.