भारत के शीर्ष पांच सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चर्रस में से दो वारी एनर्जीज लिमिटेड (Waaree Energies) और विक्रम सोलर लिमिटेड (Vikram Solar) ने हाल ही में अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) फाइल किया है. दोनों कंपनियों की भारतीय शेयर बाजार पर जल्द लिस्ट होने की योजना है. आइए इन दोनों इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPOs) की एक-दूसरे और नए लिस्टेड प्रीमियर एनर्जीज लिमिटेड (Premier Energies) से तुलना करते हैं.
वारी एनर्जीज लिमिटेड की फ्रैश इश्यू के जरिए 3,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है. इसके अलावा कंपनी प्रोमोटर की हिस्सेदारी को भी ऑफलोड करेगी. कंपनी को 20 सितंबर को सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) से आखिरी रेगुलेटरी मंजूरी मिली थी. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी अक्टूबर के मध्य में अपना IPO लॉन्च करेगी.
विक्रम सोलर के IPO में एक फ्रैश इश्यू है. इसका साइज वारी एनर्जीज के मुकाबले आधा 1,500 करोड़ रुपये होगा. IPO में ऑफर फॉर सेल (OFS) भी शामिल होगा जिसके जरिए शेयरधारक करीब 1.75 करोड़ शेयरों को ऑफलोड करेंगे. कंपनी ने 1 अक्टूबर को मार्केट रेगुलेटर के साथ नया DRHP फाइल किया था.
मौजूदा समय में दोनों IPOs के लिए प्राइस बैंड के बारे में जानकारी नहीं है. इसलिए इश्यू के कुल साइज को कैलकुलेट नहीं किया जा सकता है.
प्रीमियर एनर्जीज ने अपने IPO से 2,830.4 करोड़ रुपये जुटाए थे, जिसे 74.38 गुना सब्सक्राइब किया गया था. शेयर लिस्टिंग के दिन पर IPO प्राइस के मुकाबले 86% प्रीमियम पर बंद हुआ था.
वारी एनर्जीज की योजना IPO से मिले पैसे से एक 6 GW इनगॉट वैफर, सोलर सेल और ओडिशा में एक सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट शुरू करने की है. इसके अलावा कंपनी सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए भी इस पैसे का इस्तेमाल करेगी. FY24 में कंपनी की कुल इंस्टॉल्ड कैपेसिटी 12 GW है.
विक्रम सोलर की योजना IPO से मिले करीब 790 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कैपेक्स के लिए करने की है. ये कंपनी की सब्सिडियरी VSL ग्रीन पावर में निवेश के जरिए किया जाएगा. इस पैसे का इस्तेमाल 3GW सोलर सेल और मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी शुरू करने के लिए किया जाएगा.
जबकि 600 करोड़ रुपये कंपनी की मौजूदा सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी को 3 GW से बढ़ाकर 6 GW करने के लिए रखे गए हैं.
वारी एनर्जीज का FY24 तक भारत के सोलर मॉड्यूल सेक्टर में इंस्टॉल्ड कैपेसिटी के मुताबिक सबसे ज्यादा मार्केट शेयर था. जबकि विक्रम सोलर की क्षमता प्रीमियर एनर्जीज के समान और बाजार में हिस्सेदारी है.
सोलर सेल्स के मामले में प्रीमियर एनर्जीज ने 2 GW कैपेसिटी के साथ वारी एनर्जीज और विक्रम सोलर को पीछे छोड़ दिया है.
सभी तीन सोलर मैन्युफैक्चर्रस वारी एनर्जीज, प्रीमियर एनर्जीज और विक्रम सोलर के FY24 में मजबूत नतीजे रहे थे. प्रीमियर एनर्जीज की पिछले वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा रेवेन्यू ग्रोथ रही थी. जबकि उसके मुनाफे में भी टर्नअराउंड देखने को मिल रहा है.
हालांकि वैल्यू की टर्म में वारी एनर्जीज का FY24 में रेवेन्यू प्रीमियर एनर्जीज और विक्रम सोलर से ज्यादा रहा है.