कर्मचारी चाहते हैं कि कंपनियां टेक्निकल स्किल से ज्यादा 'काम के मानवीय पक्ष' पर ध्यान दें. ये बात कंसल्टिंग फर्म डेलॉयट के सर्वे में निकलकर आयी है.
सर्वे के मुताबिक, टेक्निकल और ह्यूमन स्किल के बीच अधिक संतुलन की जरूरत है. सर्वे में पाया गया कि 87% कर्मचारी एडेप्टेबिलिटी, नेतृत्व और कम्युनिकेशन जैसे ह्यूमन स्किल्स को अपने करियर की तरक्की के अभिन्न अंग के रूप में देखते हैं. केवल 52% लोग ही सोचते हैं कि उनकी कंपनी टेक्निकल स्किल्स वाले कर्मचारियों की तुलना में ह्यूमन स्किल्स वाले कर्मचारियों को अधिक महत्व देती है.
10 में से 9 रेस्पोंडेंट्स ने बताया कि ह्यूमन कैपेबिलिटीज करियर के ग्रोथ में एक आवश्यक भूमिका निभाती हैं. रेस्पोंडेंट्स चाहते हैं कि उनकी कंपनी ह्यूमन स्किल्स को प्राथमिकता दें, जिसमें टीमवर्क और सहयोग को सर्वोच्च स्थान (65%) दिया जाए. उसके बाद कम्युनिकेशन्स (61%) और लीडर (56%) को AI इंटीग्रेशन और डेटा एनालिसिस (54%) जैसे टेक्निकल स्किल्स पर अधिक ध्यान दिया जाए.
रेस्पोंडेंट्स का मानना है कि इन मानवीय दक्षताओं में टिकने की शक्ति है. सर्वे में शामिल लगभग सभी (95%) इस बात से सहमत हैं कि ह्यूमन स्किल्स 'सदाबहार' हैं और हमेशा महत्वपूर्ण होते हैं. फिर भी, 70% रेस्पोंडेंट्स ने बताया कि उन्होंने ऐसी कंपनी में काम किया है जिसने कर्मचारियों को नई तकनीक आधारित स्किल सीखने के लिए मजबूर किया, लेकिन वो तकनीक इस्तेमाल से बाहर हो गई हैं.
सर्वे में शामिल 5 में से 3 कर्मचारी ये भी मानते हैं कि उनकी कंपनी लॉन्ग टर्म सफलता के लिए आवश्यक प्रशिक्षण देने की तुलना में तत्काल व्यावसायिक आवश्यकताओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करती है. ये भविष्य में कंपनियों के लिए चुनौतियों का संकेत हो सकता है. 94% रेस्पोंडेंट्स ने चिंता व्यक्त की है कि भविष्य की पीढ़ियां आवश्यक ह्यूमन स्किल्स के बिना वर्कफोर्स में एंट्री करेंगी.
ह्यूमन कैपिसिटी पर ध्यान केंद्रित न करने से कल के वर्कफोर्स में स्किल्स की कमी हो सकती है. आधे रेस्पोंडेंट्स बहुत या अत्यधिक चिंतित हैं कि श्रमिकों की भावी पीढ़ी पर्याप्त पारस्परिक और व्यावसायिक स्किल्स के बिना वर्कफोर्स में प्रवेश कर सकती है.
आधे से अधिक (57%) कर्मचारी नौकरी पर अधिक अवसर भी चाहते हैं. इनमें से लगभग 43% को लगता है कि उनके डेवलपमेंट पर पूरे साल में केवल समय-समय पर ही ध्यान दिया जाता है, न कि लगातार. 10% रेस्पोंडेंट्स का मानना है कि लर्निंग केवल तभी होती है जब वे इसे शुरू करते हैं या तो बिल्कुल नहीं होती है.