घरेलू उपकरण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को आगामी बजट में तैयार माल के आयात पर सीमा शुल्क में बढ़ोतरी की उम्मीद है. उद्योग का मानना है कि इससे आयात को हतोत्साहित करने में मदद मिलेगी. उद्योग ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत विशिष्ट अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) तथा परियोजनाओं के स्थानीयकरण के लिए भी प्रोत्साहन की मांग की है. उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स एवं उपकरण विनिर्माता संघ (सिएमा) ने कहा कि करीब 75,000 करोड़ रुपये का उद्योग कुछ ऐसे फैसलों की उम्मीद कर रहा है जो घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दें. संघ के अध्यक्ष एरिक ब्रेगेंजा ने कहा, ‘‘स्थानीय विनिर्माताओं को और प्रोत्साहन देने के लिए कलपुर्जों और तैयार माल के बीच पांच प्रतिशत की शुल्क भिन्नता होनी चाहिए. इससे विनिर्माताओं को अत्यावश्यक प्रोत्साहन मिलेगा और भारत में विनिर्माण आधार तैयार करने में मदद मिलेगी.''
सिएमा ने आने वाले पांच साल के लिए एलईडी उद्योग के लिहाज से कर संरचना की रूपरेखा तैयार करने को भी कहा है ताकि निवेश और नीतिगत हस्तक्षेप की उचित योजना तैयार की जा सके.
ब्रेगेंजा ने कहा कि उद्योग को उम्मीद है कि सरकार एयर कंडीशनर पर माल एवं सेवा कर घटाकर इसे 18 प्रतिशत पर लाएगी. इसके अलावा उद्योग ने टेलीविजन (105 सेंमी स्क्रीन वाले) पर भी कर घटाने की मांग की गई.
गोदरेज अप्लायंसेज में कारोबार प्रमुख और कार्यकारी उपाध्यक्ष कमल नंदी ने कहा, ‘‘एयर कंडीशनर अब भी कर के 28 फीसदी के सबसे ऊंचे दायरे में आता है. हम उम्मीद करते हैं कि इसे 18 प्रतिशत के कर दायरे में लाया जाएगा.''
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