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Dabur Share Falls: डाबर हेयर केयर प्रोडक्ट्स से कैंसर के खतरे का आरोप, US और कनाडा में मुकदमे से शेयर लुढ़का

डाबर ने एक्‍सचेंज फाइलिंग में इन दावों को खारिज किया, कहा कि प्रोडक्‍ट्स पर लगाए गए आरोप 'अप्रमाणित और अधूरे अध्‍यययन' पर आधारित हैं.
NDTV Profit हिंदीसेसा सेन
NDTV Profit हिंदी05:56 PM IST, 19 Oct 2023NDTV Profit हिंदी
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Dabur India Share Prices Fall: अमेरिका और कनाडा में सब्सिडियरी कंपनियों के खिलाफ चल रहे मुकदमे से डाबर के शेयरों में गुरुवार को गिरावट दर्ज की गई है. कंपनी पर आरोप है कि उसके हेयर केयर प्रोडक्ट्स से कैंसर हो रहा है. डाबर ने एक्‍सचेंज फाइलिंग में इसकी जानकारी दी है.

डाबर की तीन सब्सिडियरी कंपनियों (नमस्‍ते लैबोरेटरीज, डर्मोविवा स्किन इशेंशियल्‍स और डाबर इंटरनेशनल) को कई मुकदमों का सामना करना पड़ रहा है.

आरोप है कि कंपनी के हेयर रिलैक्सर प्रोडक्‍ट्स में ऐसे केमिकल मिलाए जा रहे हैं, जिनसे ओवेरियन कैंसर, गर्भाशय के कैंसर और अन्‍य हेल्‍थ प्रॉब्‍लम्‍स पैदा हो रहे हैं.

ये खबर सामने आने के बाद डाबर के शेयरों में गिरावट देखी गई. हालांकि डाबर ने एक्‍सचेंज फाइलिंग में इन दावों को खारिज करते हुए कहा है कि प्रोडक्‍ट्स पर लगाए गए आरोप 'अप्रमाणित और अधूरे अध्‍यययन' पर आधारित हैं.

डाबर के खिलाफ 5400 मुकदमे, FDA भी सख्‍त

अमेरिका, कनाडा में फेडरल और स्‍टेट, दोनों अदालतों में डाबर की सब्सिडियरी कंपनियों के खिलाफ 5,400 मामले दायर किए गए हैं. रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार इन मुकदमों के खिलाफ खुद का बचाव करने के लिए कंपनी वकील हायर किया है. सब्सिडियरी कंपनियां अपने वकीलों के माध्‍यम से बचाव में अपना पक्ष रखेंगी.

डाबर इंडिया ने कहा, 'अभी केस शुरुआती चरणों में है और वादी की शिकायतों को चुनौती दी जा रही है. कुछ मामलों में इंफॉर्मेशन और डॉक्‍युमेंट्स के लिए अनुरोध किया जा रहा है. कई सारे प्रस्‍ताव अभी पेंडिंग हैं.' डाबर इंटरनेशनल विभिन्न ब्रैंड नामों से ओवर-द-काउंटर हेयर स्ट्रेटनर और हेयर रिलैक्सर प्रोडक्‍ट्स बेचती है.

इस बीच, फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने फॉर्मलाडेहाइड युक्त कुछ हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोडक्‍ट्स पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया है. FDA ने कहा है कि फॉर्मलाडेहाइड केमिकल हार्मोन से संबंधित कैंसर से जुड़े हैं और लंबे समय में स्वास्थ्य पर नकारात्‍मक असर डालते हैं.

'डाबर की ग्रोथ के कई फैक्‍टर्स'

सेंट्रम ब्रोकिंग के रिसर्च एनालिस्‍ट शिरीष परदेशी ने कहा, 'डाबर अपने कारोबार का करीब 26% इंटरनेशनल सेगमेंट से प्राप्‍त करता है, लेकिन उसके भीतर 'नमस्ते' का कंट्रीब्‍यूशन अभी भी सिंगल डिजिट में है.'

जब तक मुकदमों पर कंपनी की ओर से कोई और स्पष्टीकरण नहीं मिलता तब तक सेंट्रम का रुख डाबर को लेकर पॉजिटिव बना रहेगा. उन्‍होंने आगे कहा कि ऐसे कई लीवर (Levers) हैं जो लंबी अवधि में कंपनी की ग्रोथ तय करेंगे.

उदाहरण के लिए, सामान्‍य आधार पर डाबर का हेल्‍थकेयर पोर्टफोलियो नॉर्मलाइज ग्रोथ लेवल पर वापस ला सकता है. ये हेल्‍थकेयर सेक्‍टर में बाजार का नेतृत्‍व करने की पोजीशन रखता है.

शिरीष परदेशी कहते हैं, 'सर्दियां आ रही है, जो डाबर के लिए अनुकूल मौसम है. इस मौसम में च्यवनप्राश और शहद जैसे इम्‍यूनिटी प्रोडक्‍ट्स की अच्छी मांग होने की उम्मीद है.'

वो कहते हैं, 'इसलिए, हमें ये देखने की जरूरत है कि मुकदमों के संदर्भ में बड़े निहितार्थ क्या हो सकते हैं. इस समय वास्तव में चिंता करने की जरूरत नहीं हैं.'

'मुकदमे का खर्च चिंता का सबब!'

वहीं, दूसरी ओर MK ग्लोबल के रिसर्च एनालिस्‍ट नितिन गुप्ता ने कहा कि मुकदमे की लागत के कारण डाबर को चालू तिमाही में मार्जिन पर दबाव देखने को मिल सकता है. डाबर के लिए, हेयर रिलैक्सर्स 'नमस्ते सब्सिडियरी' में उसके कंसो बिक्री (Consolidated Revenue) का 1% और कुल मुनाफे का 3% है.

उन्होंने कहा, 'डाबर के लिए इससे भी बुरी बात ये हो सकती है कि हेयर रिलैक्सर्स पर प्रतिबंध लगा दिया जाए, जिसका मतलब है कि इसकी टॉप लाइन पर 1% प्रभाव पड़ेगा. हमारे विचार ये ऐसा करना असंभव लग रहा, क्योंकि अफ्रीकी मूल की महिलाओं के लिए, हेयर रिलैक्सर्स बेहद जरूरी प्रोडक्‍ट है.'

उनके मुताबिक, सबसे बुरी स्थिति में, एक संशोधित फॉर्मूलेशन के साथ प्रोडक्‍ट को फिर से लॉन्‍च (Re-Launch) कर सकती है. बता दें कि डाबर सितंबर तिमाही के नतीजे 2 नवंबर को जारी करेगी.

GST का नोटिस भी झेल रही कंपनी!

17 अक्‍टूबर की एक्‍सचेंज फाइलिंग के अनुसार, डाबर इंडिया को करीब 321 करोड़ रुपये का GST चुकाने का भी नोटिस मिला है. इसमें ब्‍याज और जुर्माने की राशि भी शामिल है. हालांकि कंपनी का कहना है कि उसकी वित्तीय सेहत, कारोबार या कंपनी की अन्‍य गतिविधियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा.

डाबर ने कहा है, 'अगर इस मामले में ब्याज और जुर्माने के साथ टैक्स देनदारी का कोई अंतिम आदेश आता है, तो उसका सीमित असर हो सकता है.' साथ ही ये भी कहा है कि वो इस आदेश को चुनौती देगी और अधिकारियों के समक्ष मजबूती से अपना पक्ष रखेगी.

शेयरों पर असर, पर खरीद की सलाह बरकरार

गुरुवार सुबह 10:48 बजे तक डाबर इंडिया के शेयरों में 2.53% की गिरावट आई और बेंचमार्क निफ्टी 50 में 0.5% की गिरावट की तुलना में 1.5% कम कारोबार हुआ. पिछले एक महीने में कंपनी के शेयर में 6.26% की गिरावट आई है.

दिन में अब तक टोटल ट्रेड 30 दिन के एवरेज की तुलना में 3.7 गुना ज्‍यादा थी. रिलेटिव स्‍ट्रेंथ इंडेक्‍स 27 पर था, जो स्‍टॉक अधिक खरीदे जाने का स

ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, कंपनी पर नजर रखने वाले 45 विश्लेषकों में से 29 ने 'BUY', 14 ने 'HOLD', जबकि केवल 2 ने 'SELL' का सुझाव दिया है. शेयर का रिटर्न पोटेंशियल 16.3% की बढ़ोतरी का संकेत देता है.

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