टाटा ग्रुप की एयरलाइन एयर इंडिया पर सिविल एविएशन रेगुलेटर DGCA ने 90 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. रेगुलेटर ने ये जुर्माना एयरलाइंस द्वारा नॉन-क्वालिफाइड क्रू मेंबर्स के साथ फ्लाइट्स को उड़ानें की वजह से लगाया है. DGCA ने इसे सुरक्षा में गंभीर चूक माना है.
इसके अलावा, एयर इंडिया के डायरेक्टर ऑपरेशंस पर 6 लाख रुपये और डायरेक्टर ट्रेनिंग पर 3 लाख रुपये का जुर्माना अलग से लगाया गया है. DGCA ने इन संबंधित पायलट्स से भविष्य में निदेशक संचालन और निदेशक प्रशिक्षण पर क्रमशः छह लाख रुपये और तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। एयर इंडिया. इसके अलावा, संबंधित पायलट को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है.
एयर इंडिया ने एक गैर-प्रशिक्षक लाइन कैप्टन की कमान में एक गैर-लाइन-रिलीज फर्स्ट ऑफिसर के साथ मिलकर एक उड़ान को ऑपरेट किया, जिसे DGCA ने सुरक्षा को लेकर एक गंभीर घटना के रूप में देखा है.
ये घटना 10 जुलाई 2024 को एयर इंडिया की ओर से दी गई वॉलियंटरी रिपोर्ट के जरिए DGCA के सामने आई. इस रिपोर्ट पर तुरंत कदम उठाते हुए रेगुलेटर ने गहन पड़ताल शुरू की, जिसमें डॉक्यूमेंट्स और शेड्यूलिंग फैसिलिटी की मौके पर की गई जांच शामिल है.
जांच के बाद पहली नजर में ये पता चला कि कई पदों पर बैठे लोगों और कर्मचारियों की ओर से रेगुलेटरी नियमों को तोड़ा गया है, जिससे सुरक्षा को सीधा खतरा पैदा हो सकता था.
फ्लाइट के संबंधित कमांडर और एयर इंडिया के DGCA की ओर से अप्रूव्ड पदधारकों को 22/07/2024 को कारण बताओ नोटिस (SCN) के जरिए अपनी स्थिति साफ करने का भी मौका दिया गया था. जो स्पष्टीकरण दिया गया वो DGCA की नजर में संतोषजनकर नहीं था. इसलिए DGCA ने एयरलाइन और इन लोगों पर कार्रवाई की और जुर्माना लगाया.