महाराष्ट्र कैबिनेट (Maharashtra Cabinet) ने धारावी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट (DRP) के लिए शहर के सबसे पुराने और सबसे बड़े डंपिंग ग्राउंड में से एक, देवनार डंपिंग (Deonar Land) ग्राउंड की 124 एकड़ जमीन अदाणी ग्रुप को आवंटित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
देवनार लैंडफिल महत्वाकांक्षी रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में हाउसिंग यूनिट्स बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. ये आवंटन केवल एक महीने में की गई तीसरी मंजूरी है. 10 अक्टूबर को, कैबिनेट ने धारावी निवासियों के पुनर्वास के लिए मड (Madh) में करीब 140 एकड़ भूमि को मंजूरी दी, जबकि 30 सितंबर को हुई एक बैठक में आवास विकास के लिए 255 एकड़ सॉल्ट पैन लैंड को पट्टे पर देने की मंजूरी दी गई थी.
इस जमीन का इस्तेमाल प्रोजेक्ट से प्रभावित झुग्गीवासियों के लिए घर बनाने के लिए किया जाएगा. सरकार का दावा है कि उसके फैसले से परियोजना को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि मौजूदा झुग्गीवासियों का आवास DRP और डेवलपर के सामने सबसे बड़ी चुनौती है.
रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत, धारावी के निवासी जो 1 जनवरी, 2000 से पहले ग्राउंड फ्लोर पर बनी झोपड़ियों में रहते थे, नए आवास के लिए पात्र होंगे. जो लोग पैरामीटर्स को पूरा नहीं करते हैं उन्हें किफायती दरों पर किराये के घरों की पेशकश की जाएगी.
अदाणी ग्रुप ने नवंबर 2022 में धारावी के रीडेवलपमेंट के लिए बोली जीती थी, ये प्रोजेक्ट करीब दो दशकों से पाइपलाइन में था. इस पर करीब 23,000 करोड़ रुपये की लागत आने की उम्मीद है और ये ग्लोबल टेंडरिंग के जरिए भारत में एक सरकारी एजेंसी की ओर से शुरू की गई सबसे बड़ी रीडेवलपमेंट परियोजनाओं में से एक है. 240 हेक्टेयर के विशाल क्षेत्र के साथ, धारावी लगभग 8 लाख निवासियों और 13,000 से ज्यादा छोटे व्यवसायों का घर है.
धारावी मूल रूप से मछुआरों की बस्ती थी और बाद में इसने कुम्हार, चमड़े के कारीगर और कढ़ाई श्रमिकों सहित कई समुदायों को आकर्षित किया. समय के साथ, जो एक दलदल के रूप में शुरू हुआ वो एक अनौपचारिक अर्थव्यवस्था वाले भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्र में तब्दील हो चुका है.