दवाई की दिग्गज कंपनी नोवार्टिस AG ने अपने भारतीय सब्सिडियरी नोवार्टिस इंडिया (Novartis India) का पूरा कारोबार बेच सकती है. कंपनी ने इसका स्ट्रैटजिक रिव्यू शुरू कर दिया है. उसने ये कदम कंपनी की उसके भारतीय कारोबार को बेचने की रिपोर्ट्स के बीच उठाया. नोवार्टिस इंडिया के प्रवक्ता ने NDTV Profit को बताया कि नोवार्टिस AG ने नोवार्टिस इंडिया में अपनी 70.68% शेयरहोल्डिंग का आकलन शुरू कर दिया है. उनके मुताबिक अभी कोई आखिरी फैसला नहीं लिया गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो फार्मा कंपनी डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज (Dr Reddy's), नोवार्टिस इंडिया में नोवार्टिस AG की हिस्सेदारी खरीदने की दौड़ में है. डॉ रेड्डीज ने NDTV Profit के ईमेल में भेजे गए सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया.
डॉ रेड्डीज ने नोवार्टिस के कार्डियोवस्कलर ब्रैंड Cidmus को अप्रैल 2022 में करीब 456 करोड़ रुपये में खरीदा था. फरवरी 2022 में नोवार्टिस ने डॉ रेड्डीज के साथ कुछ दवाइयों को लेकर एक्सलूसिव सेल्स और डिस्ट्रीब्यूशन एग्रीमेंट किया था. इसमें वोवरन, alcium शामिल हैं.
डॉ रेड्डीज की ओर डिस्ट्रीब्यूट हो रही दवाइयों का वॉल्यूम ग्रोथ डबल डिजिट में रहा है. नोवार्टिस इंडिया ने 2022-23 की सालाना रिपोर्ट में ये कहा था. नोमूरा ने कहा कि मौजूदा डिस्ट्रीब्यूशन एग्रीमेंट को देखते हुए हमारा मानना है कि डॉ रेड्डीज इंडियन सब्सिडियरी में नोवार्टिस की हिस्सेदारी खरीदने के लिए सबसे बेहतर है.
जिन प्रोडक्ट्स का डॉ रेड्डीज अब तक डिस्ट्रीब्यूशन नहीं करता है उनमें Myfortic, Tegrital, Simulect और Sandimmun शामिल हैं. ये डॉ रेड्डीज के द्वारा वितरित किए जाने वाले नोवार्टिस इंडिया के प्रोडक्ट्स की सेल का करीब 50% हैं.
नोमूरा ने आगे कहा कि नोवार्टिस का मार्केट शेयर बड़ा है. हमारा मानना है कि ये ब्रैंड्स इन सेगमेंट्स में डॉ रेड्डीज की मौजूदगी को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं. इसलिए हमारे आकलन में ये डॉ रेड्डीज के लिए सही रणनीतिक फैसला लगता है.