अमेजॉन (Amazon), फ्लिपकार्ट (Flipkart), मीशो, बिगबास्केट और मिंत्रा सहित ई-कॉमर्स (E-Commerce) दिग्गजों को अपने प्लेटफॉर्म पर कथित तौर पर असुरक्षित और अप्रमाणित उत्पाद बेचने के लिए मुकदमों का सामना करना पड़ सकता है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय मानक ब्यूरो, BIS अधिनियम 2016 की धारा 17 का उल्लंघन करने के लिए इन प्लेटफार्मों के खिलाफ कानूनी मामले दर्ज करने की प्रक्रिया में है.
उल्लंघन करने वालों पर बेचे गए सामान की कीमत का दस गुना तक जुर्माना लगाया जा सकता है. यही नहीं उल्लंघन की गंभीरता के आधार पर दो साल तक की कैद भी हो सकती है.
ये कार्रवाई इन ई-कॉमर्स कंपनियों को नोटिस जारी किए जाने के लगभग दो महीने बाद की गई है. BIS निरीक्षण में विभिन्न उत्पादों को BIS सर्टिफिकेशन के बिना या नकली ISI चिह्नों के साथ बेचा जा रहा था. इनमें खिलौने, जूते, बेबी डायपर, रसोई के उपकरण और बिजली के उपकरण शामिल हैं. ISI चिह्न औद्योगिक उत्पादों के लिए एक अनिवार्य कंप्लाइंस सिंबल है.
मार्च में गुरुग्राम, चेन्नई, दिल्ली, फरीदाबाद और लखनऊ समेत कई शहरों में अमेजॉन और फ्लिपकार्ट के गोदामों पर भी छापेमारी की गई. इन ऑपरेशन के दौरान BIS जांचकर्ताओं ने लगभग 15,000 अप्रमाणित उत्पाद जब्त किए. अधिकारियों के अनुसार जब्त किए गए सामान की कुल अनुमानित कीमत 1 करोड़ रुपये से अधिक है.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने इन उत्पादों के लिए BIS सर्टिफिकेशन की जरूरत पर जोर दिया है क्योंकि इनसे संभावित खतरे पैदा हो सकते हैं. गैर-प्रमाणित आइटम यानी बिना ISI मार्क या अमान्य लाइसेंस नंबर वाले सुरक्षा और प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए स्वतंत्र टेस्टिंग से नहीं गुजरे हैं.
इस स्टोरी के पब्लिश होने तक अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, मीशो, बिगबास्केट और मिंत्रा ने NDTV Profit के सवालों का जवाब नहीं दिया.