त्योहारी सीजन की चमक, FMCG सेक्टर की बिक्री में भी देखने को मिली है. अक्टूबर महीने में FMCG गुड्स की बिक्री में अच्छी रिकवरी देखने को मिली है. इस बिक्री के पीछे सबसे बड़ी वजह, दिवाली और दशहरा में कुछ कैटेगरी में रिटेलर्स की तरफ से स्टॉक का बढ़ाना है.
त्योहारों को देखते हुए रिटेलर्स ने स्टॉक इकट्ठा किया है. Bizom की तरफ से जारी डेटा के मुताबिक रोजमर्रा की चीजों की वैल्यू ग्रोथ पिछले साल के मुकाबले इस साल अक्टूबर में 7% रही है. इस ग्रोथ में पैकेज्ड फूड, बेवरेजेज का योगदान सबसे ज्यादा रहा क्योंकि ये गुड्स गिफ्ट पैक्स के रूप में सबसे ज्यादा बिके.
हालांकि, खाद्य तेल की कीमतों में भारी गिरावट से ब्रांडेड कमोडिटीज की कीमतों में गिरावट आई, जिससे बढ़ी हुई मांग का असर ओवरऑल मार्केट पर नहीं दिखा. आंकड़ों के मुताबिक ओवरऑल FMCG मार्केट में 4.8% की गिरावट आई है.
कुछ महीनों के दबाव के बाद रूरल मार्केट में अच्छी रिकवरी देखने को मिल रही है. आपको बता दें कि देश के कुल FMCG मार्केट में ग्रामीण मार्केट का हिस्सा करीब 40% है. कमोडिटीज को अगर शामिल न करें तो रूरल मार्केट में FMCG बिक्री में 10.2% की ग्रोथ देखने को मिली वहीं शहरी क्षेत्र में बिक्री में 1.6% की ग्रोथ रही. Bizom के आंकड़ों के मुताबिक, अगर कमोडिटीज को शामिल कर के देखा जाए तो रूरल बिक्री में 6.1% की गिरावट आई तो वहीं शहरी क्षेत्रों से बिक्री में 2.2% की गिरावट देखने को मिली.
रिपोर्ट के मुताबिक FMCG गुड्स में कैटेगरी देखें तो पर्सनल केयर सेगमेंट इस महीने भी दबाव देखने को मिला और इस सेगमेंट में 3.8% की गिरावट दिखी.
कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रे़डर्स (CAIT) की तरफ से जारी एक और आंकड़े के मुताबिक इस दिवाली सीजन में रिकॉर्ड 3.75 लाख करोड़ रुपये का व्यापार हुआ है. ट्रेडर्स की इस संस्था के आंकड़ों की मानें तो कंज्यूमर्स की तरफ से किए गए खर्च में 13% फूड और ग्रॉसरी पर, 12% टेक्सटाइल्स पर और 8% कन्फेक्शनरी पर जा रहा है.
CAIT के सेक्रेट्री जनरल, प्रवीण खंडेलवाल का मानना है, 'गोवर्धन पूजा, भाई दूज और छठ पूजा जैसे त्योहारों की बिक्री के आंकड़े अभी भी आने हैं और ये त्योहार कुल बिक्री में 50 करोड़ रुपये की अतिरिक्त बढ़त कर सकते हैं'.