ADVERTISEMENT

A1/A2 मिल्क प्रोडक्ट्स पर FSSAI ने मारी पलटी; लेबलिंग बैन को लिया वापस

दूध और घी, मक्खन, दही जैसे दूध के उत्पादों पर कई कंपनियां A1 और A2 मार्किंग करती हैं. दोनों में कीमतों का काफी अंतर होता है. 22 अगस्त को FSSAI ने इस लेबलिंग पर बैन लगाया था.
NDTV Profit हिंदीNDTV Profit डेस्क
NDTV Profit हिंदी09:39 PM IST, 26 Aug 2024NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
NDTV Profit हिंदी
Follow us on Google NewsNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदीNDTV Profit हिंदी

FSSAI ने मिल्क प्रोडक्ट्स पर A1/A2 लेबलिंग पर प्रतिबंध लगाने वाले अपने आदेश को वापस ले लिया है. सोमवार को रेगुलेटर ने कहा कि आगे स्टेकहोल्डर्स के साथ सलाह-मशविरा करने के लिए 22 अगस्त के आदेश को वापस लिए जाने का फैसला किया गया है.

बता दें दूध और घी, मक्खन, दही जैसे दूध के उत्पादों पर कई कंपनियां A1 और A2 मार्किंग करती हैं. दोनों में कीमतों का काफी अंतर होता है.

22 अगस्त को दिया था आदेश

लेबलिंग हटाने के आदेश को जारी करते हुए रेगुलेटर ने कहा था कि ये लेबलिंग दूध की गुणवत्ता से संबंधित भ्रम पैदा करती है और भारतीय कानून में इस तरह का वर्गीकरण नहीं है.

FSSAI ने कहा था कि कंपनियां अपनी लेबलिंग को दूध के प्रोटीन स्ट्रक्चर (Beta-Casein) से लिंक कर रही हैं. मतलब दूध की गुणवत्ता से लिंक कर रही हैं.

रेगुलेटर के मुताबिक 'ये FSS एक्ट 2006 का उल्लंघन करता है. साथ ही 'फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स (फूड प्रोडक्ट स्टैंडर्ड्स एंड फूड एडिटिव्स) में भी दूध के जो स्टैंडर्ड्स बताए गए हैं, उनमें A1 और A2 आधार पर कोई अंतर नहीं बताया गया है.'

बैन का समर्थन के साथ-साथ हुआ था विरोध

इससे पहले FSSAI के आदेश की एक तरफ आलोचना हुई थी, तो दूसरी तरफ कई लोगों ने इसका समर्थन भी किया था.

ICAR की गवर्निंग बॉडी के मेंबर और विशेषज्ञ वेणुगोपाल बडरावाडा ने फैसले की जबरदस्त आलोचना की थी. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर FSSAI को फैसले को पलटने का निर्देश देने की अपील की थी. साथ ही एक एक्सपर्ट कमिटी गठित करने का सुझाव बी दिया था.

वहीं पराग मिल्क फूड्स के चेयरमैन देवेंद्र शाह ने इस कदम का स्वागत किया था. उन्होंने कहा था, 'भ्रामक दावों को हटाना जरूरी है. A1 और A2 का वर्गीकरण सिर्फ मार्केटिंग से प्रेरित था, ना कि इस वर्गीकरण के पीछे कोई वैज्ञानिक तर्क या जांच थी. A1/A2 मिल्क के आसपास काफी चर्चा रही है, लेकिन ये समझना जरूरी है कि दूध की असली वैल्यू इसकी न्यूट्रीशनल प्रोफाइल में है. FSSAI का हालिया आदेश इसी लाइन पर है.

NDTV Profit हिंदी
फॉलो करें
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT