इस फेस्टिव सीजन के दौरान ब्लिंकिट, स्विगी इंस्टामार्ट (Swiggy Instamart) और जेप्टो (Zepto) जैसे क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स की ओर से गिग डिलीवरी राइडर्स की डिमांड 40% तक बढ़ सकती है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ओवरऑल होम डिलीवरी इकोसिस्टम में 10-12 लाख अतिरिक्त गिग वर्कर्स के शामिल होने की उम्मीद है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीक फेस्टिव सीजन (Festive Season) में ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स करीब 20% ज्यादा गिग वर्कर्स की नियुक्ति कर सकते हैं. जहां क्विक कॉमर्स मौजूदा समय में करीब 3-4 लाख राइडर्स की नियुक्ति कर सकती है. वहीं दो पुरानी कंपनियों के पास 40-50 लाख गिग वर्कर्स हैं.
क्विक कॉमर्स की कुल डिमांड में अभी भी छोटी हिस्सेदारी है. लेकिन ये हिस्सा तेजी से बढ़ रहा है. कई राइडर्स ये काम फेस्टिव सीजन के दौरान गिग वर्क अस्थायी तौर पर भी लेंगे जिससे भी डिमांड बढ़ेगी.
डिलीवरी वर्कर्स को भी आने वाले त्योहारी सीजन में अपनी कमाई बढ़ने की उम्मीद है. डिमांड में इजाफा और बोनस इसमें मदद करेंगे.
बेंगलुरू, दिल्ली और हैदराबाद जैसे मेट्रो शहरों में क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स से जुड़े राइडर्स 20 से लेकर 30 रुपये/ ऑर्डर की कमाई करते हैं. ये ऑर्डर के साइज और तय की गई दूसरी पर निर्भर करता है.
इसके अलावा उन्हें पीक डिमांड के दौरान बेनेफिट्स के साथ इंसेंटिव भी मिलते हैं. पीक सीजन में नए लोगों का रेफरेंस देने पर भी उन्हें बेनेफिट्स मिलते हैं. डिलीवरी वर्कर्स ऑर्डर की निश्चित संख्या को पार करने पर भी इंसेंटिव हासिल कर सकते हैं.
क्विक कॉमर्स कंपनियों को सितंबर से शुरू होने वाले फेस्टिव सीजन में बड़ा फायदा होने की उम्मीद है. मर्चेंडाइज और कीमतों के मामले में क्विक कॉमर्स कंपनियों और ई-कॉमर्स कंपनियों के बीच अंतर भी कम हो रहा है. इस सीजन के दौरान ही ई-कॉमर्स कंपनियों की साल के दौरान सबसे ज्यादा सेल्स होती हैं.