मार्च 2025 (March 2025) में सरकार ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST Collection) से 1.96 लाख करोड़ रुपए कलेक्शन किया है. इसमें सालाना आधार पर 9.9% की बढ़ोतरी हुई है. मंगलवार यानी 1 अप्रैल को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, एक साल पहले मार्च 2024 में सरकार ने 1.78 लाख करोड़ रुपए GST की वसूली हुई थी. मार्च में GST कलेक्शन मासिक आधार पर 6.5% बढ़ा है.
बता दें, मार्च लगातार 13वां महीना रहा, जब मंथली कलेक्शन 1.70 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रहा.
मार्च के ग्रॉस GST रेवेन्यू में सेंट्रल GST से 38,100 करोड़ रुपये, राज्य GST से 49,900 करोड़ रुपये, इंटीग्रेटेड GST से 95,900 करोड़ रुपये और कंपनसेशन सेस से 12,300 करोड़ रुपये कलेक्शन हुआ.
इसकी तुलना में फरवरी में सेंट्रल GST कलेक्शन 35,204 करोड़ रुपये, राज्य GST 43,704 करोड़ रुपये, इंटीग्रेटेड GST 90,870 करोड़ रुपये और कंपनसेशन सेस 13,868 करोड़ रुपये था.
मार्च में GST कलेक्शन में योगदान देने वाले शीर्ष पांच राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश थे. महाराष्ट्र से मार्च 2025 में 31,534 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ, जो मार्च 2024 की तुलना में 14% अधिक है.
कर्नाटक से 13,497 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ है. ये पिछले वर्ष की तुलना में 4% अधिक है. गुजरात ने 12,095 करोड़ रुपये का योगदान दिया, ये मार्च 2024 की तुलना में 6% अधिक है. तमिलनाडु से 11,017 करोड़ रुपये कलेक्शन हुआ है, इसमें 7% की ग्रोथ हुई है. उत्तर प्रदेश ने 9,956 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है. ये साल-दर-साल 10% की ग्रोथ को दर्शाता है.
दिल्ली में 6,139 करोड़ रुपये का कलेक्शन हुआ है. ये मार्च 2024 से 5% अधिक है. दूसरी ओर बिहार में सबसे कम GST कलेक्शन हुआ है, जिसमें मार्च 2025 तक बकाया राशि केवल 2.6 करोड़ रुपये थी. इसके बाद लक्षद्वीप और आंध्र प्रदेश का स्थान रहा, जिन्होंने 3 करोड़ रुपये और 4.033 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के GST कलेक्शन में 60% की ग्रोथ हुई है, ये मार्च 2025 में 51 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जबकि मार्च 2024 में ये 32 करोड़ रुपये था.