GST काउंसिल 'डिलीवरी चार्जेज' पर टैक्स को लेकर स्थिति स्पष्ट कर सकती है. जोमैटो, स्विगी जैसे ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर रिवर्स चार्ज के आधार पर 5% टैक्स लगाने का प्रस्ताव है. बता दें डिलीवरी चार्जेज पर 5% GST को 1 जनवरी, 2022 से रेट्रोस्पेक्टिवली (पुरानी तारीख से) लागू किया जा सकता है.
इस मामले को लेकर नोटिस मिलने पर स्विगी, जोमैटो ने वित्त मंत्रालय के सामने अपना पक्ष रखा है. लेकिन डिलीवरी सर्विस के मामले में देनदारी कहां है, इसको लेकर स्थिति साफ नहीं है.
GST काउंसिल की फिटमेंट पैनल ने स्पष्टीकरण पर सुझाव दिया है. फिलहाल एग्रीगेटर्स डिलीवरी चार्जेज पर GST का भुगतान नहीं कर रहे हैं.
महाराष्ट्र टैक्स अथॉरिटी ने फूड एग्रीगेटर कंपनी जोमैटो को 401 करोड़ रुपये के पेंडिंग GST का भुगतान करने का आदेश जारी किया था. इसके साथ ही 401 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था. महाराष्ट्र के ठाणे कमिश्नरेट के ज्वाइंट कमिश्नर (CGST) और सेंट्रल एक्साइज ने ये आदेश पारित किया था. आदेश के मुताबिक, जोमैटो को कुल मिलाकर 802 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा.
जोमैटो ने रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा था कि GST की मांग 29 अक्टूबर, 2019 और 31 मार्च, 2022 के बीच की अवधि से संबंधित है. कथित तौर पर 'ब्याज और जुर्माने के साथ डिलीवरी शुल्क पर GST का भुगतान न करने' के चलते ये आदेश जारी किया गया था.
डिलीवरी चार्ज पर GST का कथित रूप से भुगतान न करने पर जोमैटो को सितंबर में भी GST डिमांड ऑर्डर मिला था. ब्याज सहित, डिमांड ऑर्डर की राशि 17.7 करोड़ रुपये थी. ये नोटिस पश्चिम बंगाल के टैक्स प्राधिकरण ने जारी किया था और ये अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के बीच की अवधि से जुड़ा था.