GST काउंसिल की एक बेहद जरूरी बैठक आज होनी है. ये बैठक कई मायनों में अहम है क्योंकि इसमें GST से जुड़े कई मसलों पर चर्चा होगी. PTI में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने कहा कि GST काउंसिल इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाले टैक्स, दरों को ज्यादा तर्कसंगत बनाने के लिए GoM की ओर से दिए गए सुझावों पर चर्चा कर सकती है. साथ ही ऑनलाइन गेमिंग पर एक स्टेटस रिपोर्ट पर पेश की जा सकती है.
सूत्रों का कहना है कि फिटमेंट कमेटी, जिसमें केंद्र और राज्य टैक्स अधिकारी शामिल होते हैं, लाइफ, हेल्थ और री-इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगाए गए GST और रेवेन्यू पर एक रिपोर्ट भी दे सकती है. PTI ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में GST काउंसिल इस बात पर फैसला करेगी कि हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स का बोझ मौजूदा 18% से कम किया जाए या सीनियर सिटिजंस जैसी कुछ कैटेगरीज में छूट दी जाए. लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर लगने वाली GST में राहत देने पर भी बैठक में विचार हो सकता है.
FY2023-24 में, केंद्र और राज्यों ने हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST के जरिए 8,262.94 करोड़ रुपये कमाए, जबकि हेल्थ री-इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST से 1,484.36 करोड़ रुपये मिले.
ये मुद्दा देश की संसद में भी उठा, विपक्षी सदस्यों ने मांग की कि हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम को GST से मुक्त रखा जाए, यहां तक कि परिवहन मंत्री ने भी निर्मला सीतारमण को चिट्ठी लिखकर GST को हटाने की मांग की. इस मांग पर वित्त मंत्री ने जवाब भी दिया, उन्होंने संसद में फाइनेंस बिल पर चर्चा के दौरान बताया कि GST से इकट्ठा हुई रकम का 75% राज्यों को जाता है और विपक्षी सदस्यों को अपने राज्य के वित्त मंत्रियों से GST काउंसिल में प्रस्ताव लाने के लिए कहना चाहिए.
पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने पिछले महीने रेट रेशनलाइजेशन यानी दरों को ज्यादा तर्कसंगत बनाने पर मंत्रियों के समूह (GoM) की बैठक में ये मुद्दा उठाया था और मामले को आगे के डेटा एनालिसिस के लिए फिटमेंट कमिटी को भेजा गया था. GoM ने फिलहाल 5, 12, 18 और 28% के चार GST स्लैब में कोई भी छेड़छाड़ करने से मना कर दिया था. हालांकि, पैनल ने फिटमेंट कमिटी से GST की दरों को तर्कसंगत बनाने की किसी भी गुंजाइश पर विचार करने को कहा था.
ऑनलाइन गेमिंग को लेकर केंद्र और राज्य के टैक्स अधिकारी GST काउंसिल के सामने 'स्टेटस रिपोर्ट' पेश करेंगे. रिपोर्ट में 1 अक्टूबर, 2023 से पहले और बाद में ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर से GST कलेक्शन का डेटा होगा.
1 अक्टूबर, 2023 से, ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म और कसीनो में एंट्री लेवल बेट पर 28% GST लगाने की शुरुआत हुई. इससे पहले, कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां 28% GST का भुगतान नहीं कर रही थीं, ये तर्क देते हुए कि 'गेम ऑफ स्किल' और 'गेम ऑफ चांस' के लिए अलग-अलग कर दरें थीं. GST काउंसिल ने अगस्त 2023 में अपनी बैठक में साफ किया था कि ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्म्स को 28% टैक्स देना ही होगा, और बाद में टैक्सेशन नियमों को साफ करने के लिए सेंट्रल GST कानून में बदलाव कर दिया गया.
ऑफशोर गेमिंग प्लेटफार्म्स को भी GST अधिकारियों के साथ रजिस्ट्रेशन करना और टैक्स का भुगतान करना जरूरी था, ऐसा न करने पर सरकार उन साइट्स को ब्लॉक कर देगी. GST काउंसिल ने तब फैसला किया था कि इसको लागू करने के 6 महीने बाद ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर में टैक्सेशन को रिव्यू किया जाएगा. हालांकि PTI ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि काउंसिल इस सेक्टर पर टैक्सेशन की स्थिति पर सोच-विचार तो जरूरी करेगी, लेकिन टैक्स की दरों में कोई बदलाव हो, ऐसी संभावना नहीं है.