GST फाइलिंग में फर्जीवाड़े को खत्म करने और नियमों के पालन को बढ़ाने के लिए पूरे देश में एक मुहिम चलाई जा रही है. ये मुहिम राज्य सरकारें और CBIC (Central Board Of Indirect Taxes And Customs) चला रहे है.
इसके तहत फर्जी रजिस्ट्रेशन और बिना माल सप्लाई के फर्जी इनवॉइस जारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. मई 2023 के मध्य में ये मुहिम शुरू हुई थी.
सरकार ने बताया कि अबतक कुल 29,273 फर्जी कंपनियों की पहचान की गई है, जो फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने में शामिल थी, इन कंपनियों ने 8 महीनों के दौरान दिसंबर 2023 तक 44,015 करोड़ रुपये का ITC क्लेम किया है.
इस मुहिम से कुल 4,646 करोड़ रुपये की बचत की गई है. जिसमें फर्जी ITC को रोककर 3,802 करोड़ रुपये का टैक्स हासिल हुआ है, जबकि बाकी 844 करोड़ रुपये रिकवरी से हासिल हुए हैं.
दिसंबर 2020 को खत्म हुए क्वार्टर में 12,036 करोड़ रुपये का ITC फर्जीवाड़ा करने के शक में 4,153 फर्मों की पहचान हुई है. इनमें से 2,358 की पहचान सेंट्रल GST अथॉरिटीज ने की है. इससे कुल 1,317 करोड़ रुपये के रेवेन्यू की बचत हुई है. जिसमें 997 करोड़ रुपये ITC ब्लॉकिंग से हासिल हुआ है. जबकि 319 करोड़ रुपये की रिकवरी हुई है.
सभी मामलों को मिलाकर अब तक 41 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जिनमें से 31 लोगों को सेंट्रल GST अथॉरिटीज ने गिरफ्तार किया है.
सरकार ने GST रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसके तहत गुजरात, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में रजिस्ट्रेशन के वक्त बायोमेट्रिक आधारित आधार पहचान के पायलट प्रोजेक्ट भी लॉन्च किए गए हैं.
इस मुहिम के तहत, दिसंबर में खत्म हुए क्वार्टर में सबसे ज्यादा कर चोरी दिल्ली, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में पकड़ी गई है. दिल्ली में 3,028 करोड़ रुपये, महाराष्ट्र में 2,201 करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश में 1,645 करोजड़ रुपये का ITC फर्जीवाड़ा पकड़ाया गया है. दिल्ली और महाराष्ट्र में इन मामलों में 11-11 लोगों की गिरफ्तारी हुई है.