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इंजनों को 'ग्राउंडेड' करने के मामले में स्पाइसजेट की याचिका पर तत्काल सुनवाई से हाई कोर्ट का इनकार

हालांकि हाई कोर्ट ने याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार किया है. एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत पी एस अरोड़ा की बेंच सामने स्पाइसजेट ने तत्काल सुनवाई के लिए याचिका दाखिल की थी
NDTV Profit हिंदीमोहम्मद हामिद
NDTV Profit हिंदी12:09 PM IST, 16 Aug 2024NDTV Profit हिंदी
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तीन इंजनों को ग्राउंडेड करने और उसे पट्टेदारों (Lessors) को वापस करने के फैसले के खिलाफ दी गई स्पाइसजेट की याचिका पर सुनवाई करने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट राजी हो गया है. स्पाइसजेट ने हाई कोर्ट में 14 अगस्त को दिए गए उस आदेश के खिलाफ याचिका दी है जिसमें एयरलाइन को अपने तीन इंजनों को ग्राउंड करने और उसे पट्टेदारों को वापस करने का निर्देश दिया गया है.

लेकिन कोर्ट का तत्काल सुनवाई से इनकार

स्पाइसजेट का पक्ष रख रहे वकील अमित सिब्बल ने कोर्ट से अपील की कि याचिका पर कोर्ट लंच के बाद सेशन में सुनवाई कर ले, क्योंकि इसकी तत्काल जरूरत है और तीन इंजनों की ग्राउंडिंग से दो एयरक्राफ्ट्स ग्राउंडेड हो जाएंगे

हालांकि हाई कोर्ट ने याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार किया है. एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत पी एस अरोड़ा की बेंच सामने स्पाइसजेट ने तत्काल सुनवाई के लिए याचिका दाखिल की थी. बेंच ने कहा कि याचिका को दिन के दौरान लिस्ट करना संभव नहीं है, इसलिए इस पर 20 अगस्त को सुनवाई होगी.

क्या था पिछला आदेश

दरअसल, बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस मनमीत प्रतीम सिंह अरोड़ा ने लो-कॉस्ट एयरलाइन स्पाइसजेट को तीन इंजनों को 16 अगस्त यानी शुक्रवार तक ग्राउंडेड करने और उन्हें 15 दिनों के भीतर अपने पट्टेदारों (Team France 01 SAS और Sunbird France 02 SAS) को सौंपने का निर्देश दिया था. स्पाइसजेट ने इस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका लगाई है, जिस पर कोर्ट सुनवाई के लिए राजी हो गई है.

जस्टिस अरोड़ा ने अपने आदेश में कहा कि स्पाइसजेट 48 लाख डॉलर की बकाया राशि के भुगतान के साथ-साथ इंजन के इस्तेमाल के कारण होने वाले साप्ताहिक भुगतान के लिए भी उत्तरदायी रहेगा.

कोर्ट ने स्पाइसजेट को डिफॉल्टर माना

जस्टिस अरोड़ा ने टीम फ्रांस 01 SAS और सनबर्ड फ्रांस 02 SAS की ओर से दाखिल की गई याचिकाओं पर ये आदेश दिया था. इन पट्टेदारों ने दावा किया था कि स्पाइसजेट पर कई लाख डॉलर बकाया हैं. हाई कोर्ट ने तब ये माना कि स्पाइसजेट एक डिफॉल्टर है और उसके पास इंजनों का इस्तेमाल जारी रखने का कोई कानूनी और कॉन्ट्रैक्चुअल अधिकार नहीं है.

स्पाइस जेट ने जिन दो इंजन कंपनियों से इंजन लीज पर लिया था, वो 'टीम फ्रांस 01 एसएस और सनबर्ड फ्रांस 02 एसएस' हैं. इन दोनों इंजन कंपनियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर किया है. इन कंपनियों का कहना था कि स्पाइस जेट ने उन्हें पिछले दो सालों से एक करोड़ 29 लाख डॉलर का भुगतान नहीं किया है.

इसके अलावा लीज की अवधि समाप्त होने के बावजूद स्पाइस जेट इन कंपनियों के तीन इंजनों का इस्तेमाल कर रहा है. इन कंपनियों ने हाईकोर्ट से इन इंजनों का इस्तेमाल रोकने का दिशानिर्देश जारी करने की मांग की है.

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