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HDFC मर्जर का म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री पर हो सकता है बड़ा असर, स्कीम्स का मैनेजमेंट होगा प्रभावित

कुछ म्यूचुअल फंड स्कीम्स, खास तौर पर लार्ज कैप कैटेगरी वाले दोनों HDFC बैंक और HDFC की बड़ी क्वांटिटी होल्ड करते हैं.
NDTV Profit हिंदीएलेक्स मैथ्यू
NDTV Profit हिंदी09:01 PM IST, 16 Jun 2023NDTV Profit हिंदी
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हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (HDFC) के साथ उसकी सब्सिडियरी HDFC बैंक के मर्जर का बड़ा असर होने की उम्मीद है. ये म्यूचुअल फंड स्कीम्स के मैनेजमेंट पर भी असर डालेगा. एक बड़ी घरेलू एसेट मैनेजमेंट कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि इससे खासतौर पर एक्टिवली मैनेज्ड लार्ज कैप कैटेगरी पर असर पड़ेगा लेकिन इंडस्ट्री इसे मैनेज कर लेगी.

क्या कहता है नियम?

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के नियमों के मुताबिक, सभी एक्टिवली मैनेज्ड इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम्स को किसी एक शेयर में होल्डिंग को 10% तक सीमित रखना होता है. ये थीमैटिक और सेक्टोरल फंड्स के अलावा अन्य फंड्स के लिए है.

कुछ म्यूचुअल फंड स्कीम्स, खास तौर पर लार्ज कैप कैटेगरी वाले दोनों HDFC बैंक और HDFC की बड़ी क्वांटिटी होल्ड करते हैं. मर्जर के बाद, इसकी संभावना है कि उनकी होल्डिंग्स AUM के प्रतिशत के तौर पर सीमा के पार जा सकती है.

उदाहरण के लिए, 31 मई तक SBI म्यूचुअल फंड के AUM का 8.52% HDFC बैंक और 2.51% HDFC में है. 31 मई तक, स्वैप रेश्यो और HDFC बैंक की कीमत के आधार पर दिखता है कि मर्जर के बाद AUM 11.1% होगा. इसी तरह Mirae एसेट फाइनेंशियल ग्रुप का पॉपुलर ब्लू चिप फंड, मर्जर के बाद बनी कंपनी का 10.5% होल्ड करेगा.

सिक्योरिटीज को बेचना क्यों जरूरी?

SEBI के नियमों के पालन का एकमात्र विकल्प ओपन मार्केट में सिक्योरिटीज को बेचना है. दो फंड मैनेजरों ने ये बताया है, जिन्होंने BQ Prime से नाम न बताने की शर्त पर बात की है. फंड मैनेजर्स को मर्जर के पूरे होने से पहले HDFC बैंक या HDFC को बेचना होगा या मर्जर के बाद बनी कंपनी को बेचना होगा, क्योंकि मार्केट रेगुलेटर, शेयरों की इंटर-स्कीम ट्रांसफर को उचित नहीं मानता है. इसमें समान म्यूचुअल फंड के अंदर एक स्कीम से दूसरी में शेयरों का ट्रांसफर शामिल है.

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के हाल ही में आए एक नोट के मुताबिक, घरेलू म्यूचुअल करीब 5,000 करोड़ रुपये के शेयर बेच सकते हैं. हालांकि, दोनों स्टॉक्स की लिक्विडिटी को देखते हुए इसमें ज्यादा मुश्किल नहीं आनी चाहिए.

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